Eknath Shinde on opposition: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को उनकी सरकार को निशाना बनाने को लेकर विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष को बोलने से पहले सोचना चाहिए. शिंदे ने राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में भाजपा की जीत के कारण विपक्ष ने जनता का विश्वास खो दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘चुनावी नतीजों से पहले विपक्ष ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता कम हो रही है. लेकिन, लोगों ने मोदी की गारंटी पर भरोसा किया है. इसलिए विपक्ष को मुंह खोलने से पहले अब सोचना चाहिए. ’’


क्या बोले सीएम शिंदे?
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की स्थिति भी उनकी सरकार के लिए अनुकूल है और उसे लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है तथा विपक्ष अपना जनाधार खो रहा है और उसके पैरों तले जमीन खिसक रही है. शिंदे ने दावा किया कि विधानसभा चुनावों में हार के कारण विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’(इंडिया) टूटने के कगार पर है. उन्होंने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कहा कि उनकी सरकार समुदाय को आरक्षण देगी लेकिन साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अन्य समुदायों के अधिकारों को नुकसान नहीं पहुंचाएगी.


अजित पवार और फडणवीस ने दिया जवाब
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उनकी सरकार ओबीसी के अधिकारों को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने विपक्ष द्वारा सरकार की पारंपरिक चाय पार्टी के बहिष्कार को तीन राज्यों में नवीनतम चुनावी हार से जूझ रहे एक संगठन के कम आत्मविश्वास का कार्य बताया. दोनों उपमुख्यमंत्रियों देवेन्द्र फड़णवीस और अजित पवार ने भी भ्रष्टाचार और ध्वस्त कानून-व्यवस्था की स्थिति के आरोपों को निराधार और तथ्यों से रहित बताकर खारिज कर दिया.


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