Eknath Shinde on Maratha Reservation: मनोज जरांगे का अनशन खत्म हो चुका है. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने जरांगे की सभी मांगों को मान लिया है. वहीं राज्य के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मराठा समुदाय को जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दिए जाने वाले सभी लाभ दिए जाएंगे. महाराष्ट्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर मराठा समुदाय के सदस्यों के उन सभी सगे-संबंधियों को कुनबी के रूप में मान्यता दे दी है, जिनके कुनबी जाति से संबंध होने के रिकॉर्ड मिले हैं. इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने बड़ा बड़ा दावा किया है.


क्या बोले सीएम एकनाथ शिंदे?
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का कहना है, ''मराठा आरक्षण देते समय हम इस बात का ध्यान रखेंगे कि चाहे वह ओबीसी समुदाय हो या कोई अन्य समुदाय, उनके आरक्षण में किसी भी तरह का बदलाव किए बिना हम मराठा समुदाय को आरक्षण देंगे.'' शुरुआत ऐसे आरक्षण देने से हुई है जो मानदंडों पर खरा उतरता हो. मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए यह बात खुले तौर पर कही है और हमारे दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने भी यही बात कही है.


जानिए कुनबी के बारे में
कुनबी एक कृषक समुदाय है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है. मराठा समुदाय के आरक्षण को लेकर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे समुदाय के सभी लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ओबीसी की चिंताओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि मराठों को बिना किसी सबूत के कुनबी जाति प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा. बता दें, जरांगे ने अपनी मांगों को लेकर नवी मुंबई के वाशी में अपने हजारों समर्थकों की मौजूदगी में भूख हड़ताल शुरू की थी.


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