Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने नीति आयोग की तर्ज पर महाराष्ट्र इंफॉर्मेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन (मित्र) संस्था की स्थापना की थी. इस संस्था के उपाध्यक्ष पद पर बिल्डर अजय अशर की नियुक्ति तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की थी. लेकिन अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा फैसला लेते हुए अजय अशर को मित्र के नियमित बोर्ड से हटा दिया है.
अजय अशर ठाणे के एक प्रमुख बिल्डर हैं और किसननगर क्षेत्र में कई निर्माण परियोजनाओं से जुड़े रहे हैं. यह इलाका एकनाथ शिंदे के प्रभावशाली विधानसभा क्षेत्र में आता है. अशर पहले कांग्रेस के पूर्व नगरसेवक मनोज शिंदे के करीबी माने जाते थे.
कौन हैं अजय अशर?
साल 2000 में एकनाथ शिंदे शिवसेना में सक्रिय हुए और दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे के समर्थन से राजनीति में आगे बढ़े. विधायक बनने के बाद एकनाथ शिंदे और अजय अशर की नजदीकी बढ़ती गई, जिससे अशर को ठाणे में पुनर्विकास परियोजनाओं में प्राथमिकता मिलने लगी.
मुख्यमंत्री बनने के बाद शिंदे ने अशर को मित्र संस्था में उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया था. महायुती सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे के बीच मतभेद की चर्चा चल रही है. फडणवीस सरकार ने अब एक और बड़ा कदम उठाते हुए अजय अशर को मित्र के बोर्ड से हटा दिया है. शिंदे के कार्यकाल में लिए गए कुछ महत्वपूर्ण फैसले भी बदले जा रहे हैं.
अब ये होंगे मित्र के नए चेहरे
अशर की जगह अब दिलीप वलसे पाटील, राणा जगजितसिंह पाटील और राजेश क्षीरसागर को मित्र संस्था का नया उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसके अलावा मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है.
शिंदे - फडणवीस का शीतयुद्ध
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पुनर्गठन में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शामिल नहीं किया, जबकि एनसीपी नेता अजित पवार को इसमें स्थान दिया गया. जालना में 900 करोड़ रुपये की एक बड़ी परियोजना, जिसे शिंदे सरकार ने मंजूरी दी थी, को फडणवीस ने रोक दिया. इस फैसले से दोनों नेताओं के बीच दूरियां बढ़ी हैं. शिंदे गुट के मंत्रियों ने शिकायत की है कि उनके कार्यालयों में निजी सहायकों (पीए) और विशेष कार्य अधिकारियों (ओएसडी) की नियुक्तियों में जानबूझकर देरी की जा रही है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है.
रायगडके पालकमंत्री पद पर एकनाथ शिंदे ने अपना हक जताया था लेकिन रायगड की जिम्मेदारी एकनाथ शिंदे के मंत्री भरतशेठ गोगावले की जगह एनसीपी के मंत्री आदिती तटकरे को स्थान दिया गया. बाद इसपर स्टे लाया गया .फडणवीस की बुलाई बैठकों में शिंदे हमेशा गैरमौजूद रहे और कभी कैबिनेट की बैठक से भी दूरी बनाई.
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