Mumbai: देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए, 3 जनवरी से देश भर के 15 से 17 साल के किशोरों को भी वैक्सीन देने की शुरुआत की गई. महाराष्ट्र में 15 से 17 साल के बच्चों को कोविड का टीका लगाया जा रहा है. लेकिन जब महाराष्ट्र में सबसे अधिक बच्चों के टीकारण की बात आती है, तो मुंबई को नीचे से टॉप तीन शहरों में शुमार किया जाता है. टीकाकरण के जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, पात्र युवाओं में नीचे से सोलापुर में 26.6 फीसदी युवाओं को कोरोना का टीका लगाया गया, जबकि नीचे से दूसरे नंबर चंद्रपुर में 24.4 फीसदी के बाद मुंबई तीसरे नंबर पर आता है. जहां 27.6 फीसदी पात्र युवाओं को ही अब तक कोविड का टीका दिया गया है.


राज्य में किशोरों को कोविड टीकाकरण का यह आंकड़ा 
राज्य में अनुमानित 15 से 17 साल की उम्र के किशोरों की संख्या 60.6 लाख है. 3 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत के बाद से अब तक सिर्फ 46 फ़ीसदी किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा सकी है. वहीं मुंबई सहित राज्य के 14 जिले किशोरों के टीकाकरण के मामले में औसत से नीचे हैं. टीकाकरण के मामले में भंडारा 73 फ़ीसदी के साथ सबसे आगे जबकि सांगली 67 फ़ीसदी के साथ दूसरे नंबर पर है. प्रशासन के तरफ से दिए गए खुराक के मामले में भी मुंबई से कई जिले आगे हैं. इस मामले में मुंबई में सिर्फ 1.9 लाख लोगों को टीके की खुराक दी गयी है, जबकि वहीं मुंबई के पड़ोसी जिले ठाणे में 2.4 लाख खुराक और पुणे में 2.7 लाख टीके की खुराक दी जा चुकी है. 


टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, एक सीनियर अधिकारी ने इस संबंध में बताया कि, "मुंबई में किशोरों के टीकाकरण का अभियान सिर्फ 9 केन्द्रों पर देने की शुरूआत की गई है. वहीं उन्होंने आगे बताया कि, "अब हमने कोविड के टीकाकरण को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रं तक ले कर जायेंगे और स्थानीय नेताओं से बच्चों टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने को कहा है. 


राज्य में अधिक से अधिक किशोरों को कोविड टीकाकरण देने के लिए अपनाया गया यह तरीका
ठाणे ने किशोरों के कोविड टीकाकरण के लिए शैक्षणिक संस्थानों में अभियान चलाया है. जिला भंडारा में भी इसी तरह की कोशिस की जारही है. वहीं कोविड टीकाकरण को लेकर जिला स्वस्थ्य अधिकारी ने बताया कि, उन्होंने 5 साल तक के बच्चों को नियमित रूप से टीका देने वाले केन्द्रों का रुख किया है. उन्हों ने इस संबंध में आगे कहा कि यह केंद्र अधिकतर कम्युनिटी के भीतर हैं और साथ ही अधिकतर लोगों की यहां आसानी से पहुंच है. यह टीकाकरण केंद्र आमतौर पर शुक्रवार और मंगलवार को काम करते हैं. इसलिए हम इन जगहों पर टीकाकरण करते हैं." 


यहां हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के दायरे में कम से कम 23 से 25 टीकाकरण केंद्र आते हैं. वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों ने बच्चों को लामबंद कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक ले जाने के लिए शिक्ष विभाग भी लगातार मदद करे रहा है. मुंबई में पात्र किशोरों की संख्या 6.1 लाख है. उम्मीद जताई जा रही है कि फरवरी तक पूरे जिले में टीकाकरण का अभियान फ़ैल जायेगा. 


इन किशोरों को टीका जरुर लेना चाहिए
इस संबंध में बाल रोग कार्य बल के सदस्य डॉ. बकुल पारेख का कहना है कि, "किशोरों के टीकाकरण के बारे में फैले गलत अफवाहों से लोग भ्रमित हैं." उन्हों ने कोविड के टीके के फाएदों के बारे में बताते हुए कहा, टीकाकरण लंबे समय तक रोगों से लड़ने की क्षमता देता है, वहीं ऐसे किशोर जो मोटे हैं, डायबिटीज या स्मोक करते हैं उन्हें यह टीका निश्चित रूप से लेना चाहिए.   


 


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