Export Duty On Onion: केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाए जाने से प्याज निर्यातकों (Onion Export) पर इसकी मार पड़ी है. विदेशों में निर्यात होने वाले प्याज के 130 से 140 कंटेनर जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) बंदरगाह पर फंसे हुए हैं. अचानक निर्यात शुल्क लगाए जाने से विदेश जाने वाले प्याज की कीमत 40 फीसदी तक बढ़ गई है. इस वजह से विदेशी व्यापारियों ने प्याज खरीदने से इनकार कर दिया और निर्यात के लिए आया प्याज जेएनपीटी बंदरगाह पर पड़ा हुआ है.


जेएनपीटी पोर्ट की तरह, नासिक से भी प्याज का निर्यात बंद हो गया है. अगर अगले दो दिनों में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो कंटेनरों में प्याज सड़ने से व्यापारियों और किसानों को करोड़ों का नुकसान होगा. भारत से हर महीने करीब 2500 हजार कंटेनर एशियाई देशों में निर्यात किये जाते हैं, लेकिन अब व्यापारियों ने नाराजगी जताई है क्योंकि केंद्र सरकार के फैसले से प्याज के निर्यात पर भारी असर पड़ेगा. प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाए जाने से किसानों पर भारी मार पड़ेगी.


नासिक में किसानों ने प्याज बेचना किया बंद
इसके चलते नासिक में किसानों ने प्याज बेचना बंद कर दिया है. किसानों के समर्थन में नवी मुंबई कृषि बाजार आय समिति (एपीएमसी) में प्याज-आलू बाजार बंद रहने की संभावना है. वहीं अगर वाशी में प्याज और आलू बाजार बंद हो जाता है, तो इसका असर शहरवासियों पर पड़ेगा. प्याज की कीमतें पहले से ही कम हैं और निर्यात शुल्क बढ़ने से स्थानीय बाजार में प्याज की आमद बढ़ेगी. अगर ऐसा हुआ तो फिलहाल 18 से 22 रुपये किलो बिकने वाला प्याज 10 रुपये के अंदर आ सकता है. इसलिए किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार निर्यात शुल्क हटाए.


नासिक जिला व्यापारी संघ ने सोमवार जिले की 14 समितियों (बाजार समिति) की नीलामी बंद कर दी है. केंद्र सरकार द्वारा प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ाकर 40 फीसदी किए जाने से राज्य में प्याज किसान और व्यापारी आक्रामक हो गए हैं. इससे भविष्य में खुदरा बाजार में प्याज की कीमत कम होने की आशंका है. इसलिए केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में नासिक जिले की 14 बाजार समितियां सोमवार से अनिश्चित काल के लिए बंद कर दी गई हैं. यह निर्णय लासलगांव बाजार समिति में नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ की बैठक में लिया गया.


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