Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi Vishwavidyalaya: महाराष्ट्र के वर्धा में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय ने कुछ अनुसूचित जाति के फैकल्टी मैंबर्स को परिसर में भीमराव अंबेडकर के कार्यों पर चर्चा करने से रोकने का मामला सामने आया है. वहीं इस मामले में सात शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है, जबकि इनमें से चार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की है.


वर्धा की महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ने इसको लेकर कहा कि दो साल पहले शुरू हुआ 'अंबेडकर पाठ' भाग लेने वाले छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को खतरे में डाल सकता है.


वहीं ज्यादातर कारण बताओ टीचर्स द्वारा खेद व्यक्त करने से इनकार करने के बाद, विश्वविद्यालय ने उनमें से दो टीचर्स का ट्रांसफर कर दिया, जबकि दो अन्य टीचर्स को यूनिवर्सिटी में उनके पद से हटा दिया. 


उधर, कुछ शिक्षाविदों ने ओपन डिस्कशंस पर, खासतौर से अंबेडकर के लेखों और भाषणों जैसे सबजेक्ट पर आम चर्चा पर रोक लगाने के लिए यूनिवर्सिटी की आलोचना की है.


बता दें कि अनुसूचित जाति के सदस्यों ने फरवरी 2022 में यूनिवर्सिटी में अंबेडकर स्टडी सर्कल इंडिया की शुरुआत की थी. इसकी बैठक हर गुरुवार को शाम 6 बजे के बाद विश्वविद्यालय में अंबेडकर की प्रतिमा के सामने होती थी और केंद्र और महाराष्ट्र सरकारों द्वारा प्रकाशित उनके एकत्रित कार्यों को पढ़ा जाता था और उन पर चर्चा की जाती थी.


इसको लेकर पिछले दो सालों में करीब 61 सत्र आयोजित किए गए. वहीं इस साल जनवरी में रजिस्ट्रार इंचार्ज धरवेश कठेरिया ने  इन सेशंस को बंद करने का आदेश दिया. कठेरिया ने सात शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि अंबेडकर के कार्यों को पढ़ने से सुरक्षा समस्याएं पैदा होंगी और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा खराब होगी.


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