Pradeep Sharma Case: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने नवंबर 2006 के लखनभैया फर्जी मुठभेड़ मामले (Lakhan Bhaiya Fake Encounter Case) में 12 आरोपियों की निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा है. ट्रायल कोर्ट ने 13 आरोपियों को दोषी ठहराया था और प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया था, लेकिन HC ने प्रदीप शर्मा की बरी को रद्द कर दिया और सबूतों की एक श्रृंखला के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया. कुल 13 आरोपियों को HC ने दोषी ठहराया है. पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को अदालत में तीन हफ्तों के अंदर आत्मसमर्पण के लिए आदेश दिए हैं.


कोर्ट ने पलट दिया फैसला
मुंबई की सुर्खियों में रहे लखन भैया एनकाउंटर मामले में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा दोषी करार दिए गए हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें तीन हफ्ते में सरेंडर करने के आदेश दिये हैं. कोर्ट ने 8 में से 6 व्यक्ति को बरी किया है. कोर्ट ने 12 पुलिस अधिकारी और कर्मचारीयों की निचली अदालत की सजा को कायम रखा है. आपको बता दें की जो प्रदीप शर्मा के अलावा जो 12 पुलिस कर्मी थे उनके नाम कुछ इस प्रकार हैं.


पुलिस इंस्पेक्टर 
प्रदीप सूर्यवंशी (लखन भैया को दो गोलीयां मारी)


असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर
नितिन सरतापे
दिलीप पलांडे


पुलिस सब इंस्पेक्टर
गणेश हरपुडे
आनंद पटाडे


पुलिस कर्मी
रत्नाकर कांबले, 
तानाजी देसाई (इसने एक गोली मारी थी)
प्रकाश कदम
पांडुरंग कोकम
संदीप सरदार
देवीदास सकपाल
विनायक शिंदे


इनकी अपील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है.
कोर्ट ने 6 प्राइवेट व्यक्ति को बरी किया है उनके नाम कुछ इस प्रकार हैं.
शैलेंद्र पांडे (पांडे पर अपहरण का आरोप था)
अखिल खान, मनोज राज, सुनील सोलंकी, मोहमद शेख, सुरेश शेट्टी


एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा कि वाशी में अपहरण के बाद 11 नवंबर 2006 को गुप्ता को पांच गोलियां मारी गईं थीं. एसआईटी के अनुसार, कथित मुठभेड़ अंधेरी, पश्चिम में नाना-नानी पार्क में हुई थी.


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