Mumbai News: राजधानी मुंबई के जेजे अस्पताल (JJ Hospital) के डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट के 21 रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांग को लेकर सामूहिक अवकाश पर थे. उत्पीड़न और चिकित्सीय लापरवाही के आरोपों को लेकर त्वचा विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. महेंद्र कुरा के खिलाफ जेजे अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा दो सप्ताह से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. उनके संघर्ष का फल उन्हें मिला. दरअसल, गुरुवार को डॉ. कुरा को अस्पताल से संभाजी नगर स्थानांतरित कर दिया गया. 


 यह फैसला उसी दिन सामने आया है जब जेजे अस्पताल के लगभग 900 रेजिडेंट डॉक्टरों ने डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट के 21 रेजिडेंट डॉक्टरों का साथ दिया. 19 दिसंबर को चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आरोपों की पुष्टि करने वाली एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई थी, जिसके बाद भी इस मामले में सरकार की देरी से प्रतिक्रिया का विरोध करते हुए सभी डॉक्टरों ने गुरुवार को काम बंद कर दिया था. इस हड़ताल की वजह से ओपीडी की सेवाएं प्रभावित हुईं थी.


जांच के लिए टीम का गठन , फिर भी अड़े हैं डॉक्टर
आपको बता दें के 19 दिसंबर को रेजिडेंट डॉक्टरों ने जब डीन को पत्र लिखा था उसके अगले दिन राज्य स्वास्थ विभाग इस मामले की जांच करने के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की थी. हालांकि इस कमिटी ने देरी से रिपोर्ट पेश की और कोई करवाई न होने पर सभी डॉक्टरों ने जेजे अस्पताल के महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मिल कर इस हड़ताल को आगे बढ़ाया.


शिक्षा मंत्री ने की डॉक्टरों से मुलाकात
इसी मुद्दे को लेकर मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुशरिफ से भी डॉक्टरों की मुलाकात हुई थी. जहां मंत्री ने यह आश्वासन दिया था कि जल्द कोई उपाय निकला जाएगा. हालांकि डॉक्टर कुरा के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाने पर गुरुवार को जेजे अस्पताल के सभी रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम करना बंद कर दिया. जिसके बाद बीती रात डॉक्टर महेंद्र कुरा को संभाजीनगर के एक अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया. 


ये भी पढ़ें- Maharashtra: 'कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाले आज...', पूर्व CM अशोक चव्हाण का BJP हमला