मराठी भाषा को लेकर चल रही बहस के बीच महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया. अब राज्य के सभी विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे इसके विरोध में हैं. अब एकनाथ शिंदे गुट ने उन पर निशाना साधा है.
मराठी के साथ किसी तरह का समझौता नहीं- संजय निरुपम
शिवसेना नेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने एमएनएस पर निशाना साधते हुए कहा, "मुझे लगता है कि ये एमएनएस वालों का बहुत बड़ा ढोंग है. मराठी भाषा का महाराष्ट्र में मान सम्मान है और होना चाहिए. इसके साथ कोई किसी प्रकार का समझौता नहीं कर सकता. हम होने भी नहीं देंगे."
बच्चों की स्किल बढ़ेगी- निरुपम
इसके आगे उन्होंने कहा, "लेकिन अगर नहीं शिक्षा नीति के आधार पर सरकार कह रही है कि पहली से लेकर पांचवीं तक के सभी बच्चों को अनिवार्यत: मराठी भाषा, हिंदी भाषा और अंग्रेजी भाषा तीनों पढ़ाया जाए तो इससे उन बच्चों की स्किल बढ़ेगी."
'पूरे देश में कॉन्फिडेंस के साथ काम करेगी नई जेनरेशन'
शिवसेना नेता ने कहा, "मराठी भाषा की अनिवार्यता पर किसी ने सवाल नहीं उठाया. उसके साथ किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं है लेकिन साथ में अगर सरकार कह रही है कि हिंदी भी सीखिए और अंग्रेजी भी सीखिए तो अगर हिंदी सीखेंगे तो देश में जो नया जेनरेशन तैयार होगा, वो पूरे देश में कॉन्फिडेंस के साथ जाकर काम करेगा."
दिलचस्प है कि शिवसेना का राज ठाकरे की पार्टी के खिलाफ ये सख्त रुख तब सामने आया है जब हाल ही में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे से मुलाकात की थी. शिंदे राज ठाकरे के आवास शीवतीर्थ पर गए थे. बीएमसी चुनाव से पहले सूत्रों का दावा है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही है.
बता दें कि राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि हम हिंदू हैं लेकिन हिंदी नहीं हैं. हम राज्य में ऐसा नहीं होने देंगे. राज ठाकरे की पार्टी ने दादर इलाके में शिवसेना भवन परिसर में लगा दिया. इस पर राज ठाकरे की तस्वीर दिखी और लिखा है, "हम हिंदू हैं लेकिन हिंदी नहीं." एमएनस ने आक्रामक रुख अपनाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.