Pune News: संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करते समय इस सप्ताह की शुरुआत में गाजा के रफह क्षेत्र में मारे गए भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल वैभव अनिल काले का अंतिम संस्कार शुक्रवार को यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया.


इससे पहले, 46 वर्षीय काले का पार्थिव शरीर दिन में यहां लाया गया और पुणे छावनी स्थित अंत्येष्टि स्थल ले जाए जाने से पहले कुछ समय के लिए कल्याणीनगर में उनके आवास पर रखा गया. परिवार के सदस्यों के अलावा, सेना में उनके सहयोगी रहे अधिकारी, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के सहपाठी, दोस्त और सरकारी अधिकारी काले के अंतिम संस्कार के समय मौजूद थे.


उनका शव भारतीय तिरंगे और संयुक्त राष्ट्र के झंडे में लिपटा था जिसका पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र ने हमले की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषण समिति गठित कर दी है.


मूल रूप से नागपुर के रहने वाले काले 2022 में समय से पहले सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे और संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने से पहले पुणे में बस गए थे. उनके चचेरे भाई हर्षद काले ने कहा कि वैभव अनिल काले हमेशा से सेना में शामिल होना चाहते थे और परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी सशस्त्र बलों में हैं.


हर्षद ने कहा, 'चूंकि उन्होंने पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में काम किया था, इसलिए उन्होंने (सेना छोड़ने के बाद) संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने का फैसला किया, लेकिन उनका यह करियर छोटा रहा.' दिल्ली से अंतिम संस्कार में शामिल होने आए एनडीए के उनके एक सहपाठी ने कहा कि काले की मुस्कान काफी आकर्षक होती थी और उनका दृष्टिकोण सकारात्मक होता था. काले के परिवार में उनकी मां, पत्नी, बेटा और बेटी हैं.


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