Maharashtra News: चुनाव आयोग ने शिवसेना विधायक सुहास कांडे (Suhas Kande) की उस याचिका पर बुधवार को प्रारंभिक आपत्ति जताई जिसमें पिछले हफ्ते राज्यसभा चुनाव के दौरान उनके द्वारा डाले गये वोट को अमान्य घोषित करने के आयोग के फैसले को चुनौती दी गई गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोप लगाया था कि कांडे ने मतदान प्रक्रिया का उल्लंघन किया है जिसके बाद आयोग यह फैसला किया था. कांडे ने वकील अजिंक्य उडाने के जरिए दायर की गई अपनी याचिका में कहा कि उनके मत को लेकर आयोग के फैसले का उनकी गरिमा एवं प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है. उन्होंने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि आयोग के निर्णय को खारिज किया जाए.


याचिका पर आपत्ति जता रहे


आयोग, चुनाव आयुक्त और मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) की ओर से बुधवार को पेश हुए वकील अभिनव चंद्रचुड़ ने न्यायमूर्ति एस वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर की पीठ से कहा कि वह याचिका पर प्रारंभिक आपत्ति जता रहे हैं. चंद्रचुड़ ने कहा, याचिकाकर्ता को चुनाव याचिका दायर करनी चाहिए थी, क्योंकि इसमें (मौजूदा याचिका में) निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है. इसके बाद पीठ ने कहा कि वह प्रारंभिक आपत्तियों पर 24 जून को दलीलें सुनेगी.


मत पत्र पर दिखाया


कांडे ने अपनी याचिका में दावा किया कि 10 जून को जब राज्यसभा की छह सीट के लिए महाराष्ट्र में मतदान हो रहा था तब वह (मुंबई में विधान भवन में) मतदान कक्ष में गए, मत पत्र पर अपना मत अंकित किया और नियमों के मुताबिक मत पत्र को शिवसेना नेता सुनील प्रभु को दिखाया, जिन्होंने चुनाव के लिए व्हिप जारी किया था. इसमें कहा गया है कि उन्होंने इसे किसी अन्य राजनीतिक दल को नहीं दिखाया था. याचिका में कहा गया है, विधायक योगेश सागर ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता ने मतपत्र अन्य राजनीतिक दल के सचेतक (व्हिप) को दिखाया है. यह सच नहीं है और याचिकाकर्ता ने अपना मत पत्र सिर्फ सुनील प्रभु को दिखाया था, न कि किसी अन्य राजनीतिक दल के नेता को.


Bhiwandi News: नुपुर शर्मा के समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन का मामला, 200 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज


कांडे के वोट को अमान्य करार दिया


याचिका में कहा गया है कि सागर को इस पर उसी वक्त आपत्ति जतानी चाहिए थी, न कि कांडे के मतदान कक्ष से निकलने के बाद. याचिका में यह भी दावा किया गया है कि मतदान केंद्र के चुनाव प्रभारी अधिकारी ने अपने फैसले में कहा था कि सागर के आरोप तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं और कांडे का मत वैध है. हालांकि, शाम में भाजपा के कई नेताओं ने इस सिलसिले में आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की. याचिकाकर्ता (कांडे) को कोई नोटिस नहीं दिया गया था और कांडे का जवाब मांगे बिना, आयोग ने चुनाव अधिकारी द्वारा लिए गए निर्णय में हस्तक्षेप करना उचित समझा और कांडे के वोट को अमान्य करार दिया.


Maharashtra News: चंद्रपुर जिले में बाघ के हमले में एक और शख्स की मौत, साढ़े पांच महीने में 21 लोगों की गई जान