महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज (14 दिसंबर) सुबह नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय रेशीमबाग का दौरा किया, जहां उनके साथ शिवसेना के मंत्री, विधायक और पदाधिकारी उपस्थित रहे. यह भेंट संगठन की मजबूती, राष्ट्रसेवा की भावना और शताब्दी वर्ष के गौरव को रेखांकित करती है. 

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दौरे के दौरान डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में श्रद्धांजलि अर्पित की गई और संघ के ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा हुई. इस अवसर का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि नागपुर संघ की जन्मभूमि है और यहां से प्रेरणा लेकर देशभर में सामाजिक कार्य संचालित होते हैं. भेंट के बाद उपमुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत कर संगठन की व्यापक पहुंच और निरंतर सेवा को सराहा.

रेशीमबाग की अनुभूति और संगठनात्मक सामर्थ्य

डिप्टी सीएम ने कहा कि रेशीमबाग आने पर प्रत्येक कार्यकर्ता को राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति की विशिष्ट अनुभूति होती है. उन्होंने कहा कि यहां से समाजसेवा और राष्ट्रसेवा की प्रेरणा लेकर कार्यकर्ता सक्रिय रूप से कार्य करते हैं. देशभर ही नहीं, बल्कि विश्वभर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाएं कार्यरत हैं और यह संगठनात्मक सामर्थ्य अत्यंत उल्लेखनीय है. शिंदे के अनुसार, संघ का कार्य मॉडल सेवा, अनुशासन और समर्पण पर आधारित है, जो कठिन परिस्थितियों में भी समाज को दिशा देता है. 

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शताब्दी परंपरा, मार्गदर्शन और नागपुर का ऐतिहासिक महत्व

उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि डॉ. मोहन भागवत का मार्गदर्शन कार्यकर्ताओं को निरंतर प्रेरणा देता है और समाजसेवा व राष्ट्रसेवा की शक्ति प्रदान करता है. उन्होंने स्मरण कराया कि सौ वर्ष पूर्व परमपूज्य डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी. इसलिए नागपुर केवल उपराजधानी नहीं, बल्कि संघ की जन्मभूमि भी है. यहां आने वाला प्रत्येक स्वयंसेवक जाति, भाषा और प्रांत से ऊपर उठकर राष्ट्रप्रेम की सीख लेकर देशसेवा में सहभागी होता है. बिना किसी प्रसिद्धि या अपेक्षा के सौ वर्षों से निःस्वार्थ भाव से कार्य करना एक ऐतिहासिक तथ्य है.

आपदा में सेवा, समान मूल्य और साझा गर्व

शिंदे ने स्पष्ट किया कि आपदा और संकट के समय शिवसेना की तरह ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता भी निःस्वार्थ भाव से सहायता के लिए आगे आते हैं. समाजाभिमुखता, राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति जैसे मूल्य संघ के कार्यों में निरंतर दिखाई देते हैं, जिस पर गर्व किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेवा की यह परंपरा समाज में विश्वास और एकजुटता को मजबूत करती है. नागपुर की इस भेंट ने इन मूल्यों को पुनः रेखांकित किया और कार्यकर्ताओं को नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी.