महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में बड़ी दरार पड़ती साफ देखी जा रही है, जिसे छुपाना अब बीजेपी और शिवसेना के लिए भी मुश्किल हो गया है. देवेंद्र फडणवीस के गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच कलह तेज होती जा रही है. इस बीच शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे ने बड़ा बयान दिया है.

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दरअसल, हाल ही में बीजेपी के सीनियर नेता रवींद्र चव्हाण ने कहा था कि उन्हें महायुति को केवल 2 दिसंबर तक बचाने की जिम्मेदारी मिली है. इसपर श्रीकांत शिंदे ने कहा, " रवींद्र चव्हाण बताएं कि 2 दिसंबर के बाद भी बीजेपी को गठबंधन रखना है या नहीं."

चुनाव प्रचार के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए श्रीकांत शिंदे ने बीजेपी और शिवसेना की बीच चल रही रार को स्वीकार किया. उनसे जब सवाल किया गया हैकि 2 दिसंबर तक ही गठबंधन को बचाकर रखना है, ऐसा रवींद्र चव्हाण ने कहा है. इसका क्या मतलब है? तो जवाब में श्रीकांत शिंदे ने कहा, "मुझे नहीं मालूम उन्होंने क्या कहा. उनको ही पूछो कि आगे भी गठबंधन रखना है या नहीं?"

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क्यों उठी 2 दिसंबर की बात

दरअसल, महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनाव दो दिसंबर को है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि महायुति 2 दिसंबर तक ही संभल पाएगी. इसके बाद गठबंधन के सहयोगी दल अलग-अलग होते दिख रहे हैं. 

एकनाथ शिंदे को फिर मुख्यमंत्री बनाने की मांग

इस बीच महाराष्ट्र में फिर मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में एकनाथ शिंदे को लाने का मुद्दा उठने लगा है. महाराष्ट्र के शिंदे गुट से मंत्री दादा भूसे ने निकाय चुनाव प्रचार के दौरान बड़ा बयान दे दिया. दादा भूसे ने एकनाथ शिंदे के भविष्य में फिर से महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के संकेत दिए.

उन्होंने कहा, "आज भी लोगों के मन मे कोई मुख्यमंत्री का चेहरा है तो वो एकनाथ शिंदे का है. राज्य के इतिहास में ऐसा कोई सीएम नहीं बना. भविष्य में क्या होगा कोई नहीं जानता."