Maharashtra News: महाराष्ट्र के जालना जिले में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया. गार्डियन मिनिस्टर पंकजा मुंडे जब जिला कलेक्टर कार्यालय के दौरे पर पहुंचीं, तो वहां पहले से ही प्रदर्शन कर रहे लोगों ने उनसे मिलने की कोशिश की. जानकारी के मुताबिक, ये प्रदर्शनकारी पिछले एक महीने से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे. मंत्री के आने की खबर मिलते ही उन्होंने उनसे अपनी बात रखने का प्रयास किया.
DSP ने प्रदर्शनकारी को मारी लात
लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मंत्री तक पहुंचने से रोक दिया. इसी दौरान हालात बिगड़ गए और पुलिस तथा प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई. इसी बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक (DSP) अनंत कुलकर्णी एक प्रदर्शनकारी को लात मारते दिखाई दिए. इस वीडियो के सामने आने के बाद इलाके में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है.
लोगों का कहना है कि पुलिस का यह बर्ताव स्वतंत्रता दिवस जैसे खास मौके पर बेहद गलत और अमानवीय है. विपक्षी दलों और कई सामाजिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है और पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
हालांकि, DSP अनंत कुलकर्णी ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने मजबूरी में यह कदम उठाया. उनका दावा है कि जिस प्रदर्शनकारी को उन्होंने लात मारी, उसने पहले एक महिला पुलिसकर्मी पर मिट्टी का तेल डालने की कोशिश की थी. ऐसे हालात में बड़ी दुर्घटना टालने और स्थिति को संभालने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा.
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. एक तरफ प्रदर्शनकारी न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस अधिकारी अपनी कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं. इस पूरे विवाद ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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