Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के कलेक्टर ने चिंता व्यक्त की है कि मराठा समुदाय ईवीएम की क्षमता से परे ‘बहुत अधिक’ उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकता है. उन्होंने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए निर्वाचन आयोग से सलाह मांगी है. धाराशिव, जिसे पहले उस्मानाबाद कहा जाता था, उन आठ जिलों में शामिल है जो राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में आते हैं. मराठा आरक्षण आंदोलन कार्यकर्ता मनोज जरांगे शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठाओं को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे हैं.


धाराशिव के जिलाधिकारी सचिन ओंबासे ने छह मार्च के अपने पत्र में कहा कि ‘असंतुष्ट’ मराठा समुदाय द्वारा ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की क्षमता से परे ‘बहुत सारे’ उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मतपत्रों का उपयोग करने से भी इस तरह के मुद्दे आ सकते हैं और अपर्याप्त श्रमशक्ति और मतपत्रों की चुनौती पैदा हो सकती है.


आईएएस अधिकारी ने अपने पत्र में कहा, अपर्याप्त जनशक्ति और मतपेटियों की चुनौती उत्पन्न हो सकती है. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में उम्मीदवार होने पर मतपत्रों को बड़ा करना होगा. कलेक्टर ने लिखा, "परिणामस्वरूप, अधिक मतपेटियों की आवश्यकता हो सकती है." न केवल अधिक जनशक्ति, बल्कि मतपेटियों को मतदान केंद्रों से स्ट्रांग रूम तक ले जाने के लिए अतिरिक्त वाहनों की भी आवश्यकता होगी, साथ ही उन्हें सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक स्थान पर भी चिंता जताई गई है.


पिछले साल अक्टूबर में, परभणी जिले के चाटे पिंपलगांव गांव में एक ग्राम पंचायत उपचुनाव के लिए, प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के आदेश पर, 155 लोगों ने अपनी उम्मीदवारी दाखिल की थी, जिसके बाद चुनाव अधिकारियों को बहुत सारे उम्मीदवारों की चुनौती का सामना करना पड़ा था. परिणामस्वरूप, राज्य चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव निलंबित कर दिया गया और निर्णय पर एक पत्र परभणी कलेक्टर को भेजा गया.


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