Chhatrapati Sambhajinagar: बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में विरोधियों के निशाने पर आए मंत्री धनंजय मुंडे ने शुक्रवार को कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है. उन्होंने साथ ही सवाल किया कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने से ज्यादा अहम उनका इस्तीफा देना है. धनंजय मुंडे के समर्थन में वंजारी समुदाय के आध्यात्मिक नेता नामदेव शास्त्री ने अपना समर्थन जताया है. उसके बाद धनंजय का यह बयान आया है.

भगवानंद संस्थान के चीफ नामदेव शास्त्री ने कहा था कि धनंजय ऐसा व्यक्ति नहीं है जो कि उगाही के पैसे पर जीवन बसर कर रहा है. महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता लगातार धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग रहे हैं. इस्तीफे की मांग तब शुरू हुई है जब उनके करीब वाल्मिकी कराड़ को मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में उगाही से जुड़े एक केस में गिरफ्तार किया है. संतोष देशमुख की दिसंबर में नृशंस हत्या कर दी गई थी.

सरपंच की हत्या गांव का विषय - नामदेव शास्त्री

संतोष देशमुख का अपहरण किया गया था. उन्हें टॉर्चर किया गया और फिर 9 दिसंबर 2024 को उनकी हत्या कर दी गई. वह एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर मांगी जा रही फिरौती का विरोध कर रहे थे. वाल्मिकी कराड को इस मामले में न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. उधर, नामदेव शास्त्री ने कहा कि सरपंच की हत्या गांव का विषय है लेकिन इसने सामाजिक माहौल को बिगाड़ा है. मुंडे के खिलाफ 53 दिनों से मीडिया ट्रायल चल रहा है.

पीड़ित को न्याय दिलाना ज्यादा जरूरी - धनंजय मुंडे

वहीं, पत्रकारों से बातचीत में मुंडे ने कहा कि मीडिया मुझे हत्या के बाद से ही निशाने पर ले रही है लेकिन मैंने इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा. मैंने नामदेव शास्त्री से राजनीति के बारे में भी बात नहीं की, मेरा और उनका संवाद धार्मिक मुद्दों को लेकर था. उन्होंने साथ ही कहा कि सरपंच के परिवार को न्याय दिलाना ज्यादा जरूरी है कि राजनीति लाभ के लिए एक विशेष समुदाय को निशाना बनाना और इस्तीफा देना जरूरी है.

मंत्री मुंडे ने कहा कि हत्या 53 दिन पहले हुई थी. मैं तब से कह रहा हूं कि आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए और उन्हें फांसी दी जानी चाहिए. मेरे रुख के बाद भी इसका राजनीतिकरण किया जा रहा है. 

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