Maharashtra News: सरपंच हत्याकांड में करीबी का नाम आने पर मंत्री धनंजय मुंडे आलोचनाओं से घिरे हुए थे. उनपर इस्तीफा देने का दबाव था और आखिरकार उन्होंने मंगलवार (4 मार्च) को अपना इस्तीफा सौंप दिया. हालांकि वह इस्तीफा ना देने पर अड़े हुए थे. आखिर वह कौन शख्स है जिनके कहने पर धनंजय को इस्तीफा देना पड़ा?

धनंजय मुंडे के इस्तीफे का घटनाक्रम

  • सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शुरू से ही इस बात पर अड़े थे कि धनंजय मुंडे को इस्तीफा दे देना चाहिए.
  • उन्होंने इस विषय पर अजित पवार से पहले भी 3-4 बार चर्चा की थी.
  • सूत्रों ने बताया कि लेकिन धनंजय मुंडे सुनने को तैयार नहीं थे.
  • अंत में एक समय ऐसा आया जब देवेंद्र फडणवीस ने यह रुख अपनाया कि यदि आप इस्तीफा नहीं देंगे तो मुझे राज्यपाल को पत्र लिखकर आपको मंत्रिमंडल से हटाने की कार्रवाई करनी पड़ेगी. इस चेतावनी के बाद माहौल बदल गया.
  • 3 मार्च को मुख्यमंत्री ने फिर धनंजय मुंडे को कल तक इस्तीफा देने को कहा और आज सुबह मुंडे का इस्तीफा मुख्यमंत्री को प्राप्त हुआ. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में शुरू से ही बेहद सख्त और कड़ा रुख अपनाया हुआ था.

मुंडे का नाम चार्जशीट में नहीं - शिरसाट

उधर,  महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि उनके इस्तीफे के पीछे कुछ और कारण हो सकते हैं. लेकिन बीड की घटना में कार्रवाई की गई है, आरोपी को पकड़ा गया है और अदालत में आरोप पत्र भी दायर किया गया है. पुलिस जांच में जिसका भी नाम सामने आएगा, उसे आरोपी बनाया जाएगा. लेकिन जहां तक ​​मुझे पता है, धनंजय मुंडे का नाम चार्जशीट में नहीं है.  इसीलिए मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि अजित पवार को धनंजय मुंडे के इस्तीफे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

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