महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने अपने अधिकारियों के लिए ये कुछ नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. निर्देश के तहत विधायक या सांसद जब भी दफ्तर में आएंगे, तो अधिकारियों को अपनी कुर्सी छोड़कर उनके लिए खड़े होना होगा. उनका सम्मान करना होगा. सांसद-विधायकों की बातों को ध्यान से सुनना होगा और फोन पर बात करते समय विनम्र भाषा का प्रयोग करना होगा. 

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अधिकारियों को कार्रवाई की चेतावनी

महाराष्ट्र के मुख्य सचिव राजेश कुमार द्वारा इस संबंध में जारी सरकारी परिपरत्र (GR) जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों (सांसदों-विधायकों) को उचित सम्मान देना प्रशासन को अधिक विश्वसनीय और जवाबदेह बनाने का एक महत्वपूर्ण पक्ष है.

साथ ही, इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. हाल में सत्तारूढ़ दलों सहित कुछ निर्वाचित प्रतिनिधियों ने अधिकारियों द्वारा उनसे मिलने और उनकी चिंताओं या मुद्दों को हल करने के लिए समय न देने पर नाराजगी व्यक्त की थी.

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जन प्रतिनिधियों से शिष्टाचार के साथ पेश आने के निर्देश

इस जीआर की प्रस्तावना में सरकार ने कहा है कि वह सुशासन, पारदर्शिता और दक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता मानती है. नए दिशानिर्देशों के अनुसार, जब भी कोई विधायक या सांसद उनके कार्यालय में प्रवेश करता है या बाहर निकलता है तो अधिकारियों को अपनी सीट से उठना होगा और उनके साथ पूरे शिष्टाचार से पेश आना होगा.

आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों को विधायकों और सांसदों के दौरे के दौरान उनकी बात ध्यान से सुननी चाहिए और नियमानुसार सहायता प्रदान करनी चाहिए. साथ ही उन्हें फोन कॉल पर भी विनम्र भाषा का प्रयोग करना चाहिए.

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