महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार (11 जुलाई) को विधानसभा को सूचित किया कि ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution) पर अंकुश लगाने के ठोस प्रयास के तहत राज्य के धार्मिक स्थलों से कुल 3,367 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस ने अकेले मुंबई में ही धार्मिक स्थलों से 1,608 लाउडस्पीकर हटाएं हैं और यह उपलब्धि बिना किसी धार्मिक या सांप्रदायिक तनाव के हासिल की गई है. उन्होंने ये भी कहा कि दोबारा लाउडस्पीकर लगाने पर कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए टीम गठित की जाएगी.

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, ‘‘मुंबई अब सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर से मुक्त है.’’ सीएम फडणवीस ने चेतावनी दी कि सक्षम अथॉरिटी की अनुमति के बिना लाउडस्पीकर दोबारा लगाए जाने पर स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारी जिम्मेदार ठहराये जाएंगे. सीएम ने सदन को सूचित किया, ‘‘कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएंगे. स्थिति पर नजर रखने के लिए प्रत्येक पुलिस आयुक्त के अधीन उड़न दस्ते गठित किए जाएंगे.’’

विधानसभा में कई विधायकों ने उठाया था मामला

विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान कई विधायकों ने यह मामला उठाया था. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) ने स्थानीय समुदायों पर ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव की चिंता जताई, जबकि उनकी सहयोगी विधायक देवयानी फरांडे ने उच्च ध्वनि वाले स्पीकर पर साल भर प्रतिबंध लगाने की मांग की.

वन क्षेत्रों में लाउडस्पीकर की अनुमति नहीं- देवेंद्र फडणवीस

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र अव्हाड (Jitendra Awhad) ने येऊर वन क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण को लेकर चिंता जताते हुए वन्यजीवों पर इसके असर का जिक्र किया था. इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा, ‘‘वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के संगीत वाद्ययंत्र या लाउडस्पीकर की अनुमति नहीं होगी. वन विभाग और पुलिस को इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है.’’