मुंबई. देश में मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोनावायरस (Coronavirus In India) संक्रमण के चलते 1.47 लाख से ज्यादा बच्चों के सिर से मां-बाप का साया हट गया. यह जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को दी है. आयोग ने बताया है कि प्रभावित बच्चों में 70,000 से अधिक लड़कियां हैं. जिन राज्यों में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं उनमें से एक महाराष्ट्र (Covid In Maharashtra) भी है. 


समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार NCPCR ने बताया कि महाराष्ट्र में 19,623 बच्चे प्रभावित हुए हैं. गौरतलब है कि राज्य में कोरोना संबंधी मृत्यु दर 1.69 फीसदी है और राज्य में कोविड से अभी तक 1,41,808 लोगों की मौत हो चुकी है.


NCPCR के अनुसार यह आंकड़े बाल स्वराज पोर्टल-कोविड केयर पर दी गई जानकारी पर आधारित हैं. NCPCR ने सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट स्वरूपमा चतुर्वेदी के जरिए दाखिल हलफनामे में यह जानकारी दी है. जानकारी के अनुसार देशभर में कुल प्रभावित बच्चों में 76,508 लड़के और 70, 980 लड़कियां और 4 ट्रांसजेंडर्स शामिल हैं. NCPCR ने बताया कि इसमें 4-7 आयुवर्ग के 26,080, 8-13 आयुवर्ग के 59,010,  14-15 आयुवर्ग के 22,763 और 16-18 आयुवर्ग के 22,626 बच्चे शामिल हैं. 


इन राज्यों में भी बुरा है हाल
NCPCR ने कहा कि प्रभावित बच्चों में 10,094 बच्चे अनाथ हो गए हैं तो वहीं 1 लाख 36 हजार 910 बच्चों के मां या पिता दोनों में से किसी एक का निधन हो गया है तो वहीं 488 बच्चों को छोड़ दिया गया. महाराष्ट्र के अलावा प्रभावित राज्यों ओडिशा के 24,405, गुजरात में 14,770, तमिलनाडु में 11,014, यूपी में 9,247, आंध्र प्रदेश में 8760,मध्य प्रदेश में 7,340, पश्चिम बंगाल में 6,835, दिल्ली में 6,629 और राजस्थान में 6,827 बच्चे प्रभावित हुए हैं.


NCPCR के हलफनामे के अनुसार 1529 बच्चे बाल गृह में, 19 बच्चे खुले शेल्टर होम में, दो बच्चे मॉनिटरिंग सेंटर में, 188 बच्चे अनाथालय, 66 बच्चे गोद लेने वाली एजेंसियों और 39 बच्चे छात्रावास में है.


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