Maharashtra News: महाराष्ट्र के ठेकेदारों ने बुधवार को कामबंद आंदोलन किया. ठेकेदार राज्य सरकार से नाराज चल रहे हैं. बकाये का भुगतान नहीं होने से उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. सामूहिक आंदोलन से महाराष्ट्र में चल रहे विकास कार्यों की रफ्तार थम गई. बताया जा रहा है कि ठेकेदारों के भुगतान की समस्या लाडली बहना योजना की वजह से शुरू हुई है. राज्य ठेकेदार महासंघ के अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने सख्त तेवर दिखाए. उन्होंने बताया कि आंदोलन अभी सरकार को चेतावनी है. आने वाले दिनों में समस्या का निवारण नहीं होने पर आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.

मिलिंद भोसले के मुताबिक ठेकेदारों का विभिन्न विभागों में आठ महीने से बकाया लंबित है. सरकार भुगतान करने के लिए गंभीर नजर नहीं आ रही है. इसलिए ठेकेदार आंदोलन करने को मजबूर हुए. बता दें कि  पीडब्ल्यूडी विभाग से ठेकेदारों को 46,000 करोड़ आने बाकी हैं. जल जीवन मिशन पर 18000 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास विभाग पर 8,600 करोड, सिंचाई विभाग पर 19,700 करोड़, शहरी विकास विभाग पर 17,000 करोड़ रुपये का बकाया है.

ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

बकाये का भुगतान नहीं होने से ठेकेदार कर्जे में डूबे हैं. उन्होंने कर्ज लेकर विकास का काम किया है. विभिन्न विभागों के ठेकेदारों का लगभग 90,000 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है. राज्य ठेकेदार महासंघ सरकार को चिट्ठी लिखकर भुगतान लंबित होने पर नाराजगी जता चुका है.

कामबंद आंदोलन का 27 जिलों में असर

मिलिंद भोसले ने बताया कि 5 फरवरी को राज्य ठेकेदार महासंघ ने  आंदोलन करने का इशारा दिया था. सरकार के भुगतान नहीं करने से ठेकेदारों की समस्या विकराल हो गई है. उन्होंने जल्द से जल्द लंबित बकाये की राशि जारी करने की मांग की. ठेकेदारों के आंदोलन का असर 27 जिलों में देखा गया. राज्य ठेकेदार महासंघ ने सरकार पर ठेकेदारों की समस्या के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है.

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