सोचिए, तेज रफ्तार से दौड़ती ट्रेन अचानक दो हिस्सों में बंट जाए- आधा आगे निकल जाए और आधा पीछे छूट जाए. कुछ ऐसा ही चौंकाने वाला वाकया हुआ बांद्रा टर्मिनस से अमृतसर जा रही पश्चिम एक्सप्रेस के साथ. 28 सितंबर को बांद्रा टर्मिनस से अमृतसर जा रही पश्चिम एक्सप्रेस (Paschim Express) ट्रेन एक घंटे के भीतर दो बार डिब्बे अलग होने की घटनाओं से गुजरी.
पहली घटना महाराष्ट्र में वनगांव-दहानू के बीच दोपहर 1:19 बजे और दूसरी गुजरात के संजन स्टेशन पर दोपहर 2:10 बजे हुई. दोनों घटनाओं ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाई, हालांकि किसी भी यात्री को चोट नहीं आई और ट्रेन संचालन पर बड़ा असर नहीं पड़ा.
कहां हुए डिब्बे अलग?
पश्चिम रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि पहली घटना के बाद ट्रेन को डिब्बों को जोड़ने के लिए लगभग 25 मिनट रोका गया और दोपहर 1:46 बजे फिर रवाना किया गया. दूसरी घटना संजन स्टेशन पर हुई, जहां वलसाड से कैरिज एंड वैगन (C&W) कर्मचारियों को मदद के लिए भेजा गया. दोपहर 3:15 बजे वलसाड से एक लोकोमोटिव इंजन भी घटना स्थल पर भेजा गया और ट्रेन अंततः शाम 4:46 बजे आगे रवाना हो सकी. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि दोनों ही मौकों पर सेकंड एसी के वही दो डिब्बे अलग हुए, जो 23 डिब्बों वाली ट्रेन में इंजन से 17वें और 18वें स्थान पर थे.
रेलवे की त्वरित कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, तकनीकी जांच जारी है ताकि डिब्बों के अलग होने के कारणों का पता लगाया जा सके. जांच के बाद इन दोनों सेकंड एसी कोचों को थर्ड एसी कोचों से बदला गया. सामान को एक कोच से दूसरे कोच में शिफ्ट करने के लिए 15 कर्मचारियों की तैनाती की गई. पीटीआई के अनुसार, इस पूरी प्रक्रिया में ट्रेन लगभग 4 घंटे देर से संजन स्टेशन से रवाना हुई. पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए.
यात्रियों की सुविधा और राहत
वलसाड मेडिकल एसोसिएशन ने लगभग 100 यात्रियों के लिए चाय और नाश्ते की व्यवस्था की, जिससे लंबे इंतजार के बीच यात्रियों को राहत मिली. रेलवे प्रवक्ता ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए विशेषज्ञ टीम लगातार निरीक्षण कर रही है. दोनों घटनाओं में ट्रेन की समग्र यात्रा को सुरक्षित रूप से पूरा करने के लिए त्वरित कार्रवाई की गई, जिससे बड़ा हादसा टल गया.