महाराष्ट्र विधानपरिषद में बुधवार (10 दिसंबर) को ई-चलान प्रणाली को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई. विधायकों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी और अंमलदार ई-चलान बनाने के लिए निजी मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं, जिससे कई शंकाएं और विवाद पैदा हो रहे हैं. इस संदर्भ में विधायक सुनील शिंदे ने सभागृह में प्रश्न खड़ा किया.

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इस मुद्दे पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहनचालकों और पुलिस के बीच आए दिन विवाद सामने आते रहे हैं. इन परिस्थितियों को रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. इसके लिए अब सरकार की ओर से नई व्यवस्था बनाने के लिए कहा गया है. 

अब बॉडी-कैमरा अनिवार्य- देवेंद्र फडणवीस

मुख्यमंत्री फडणवीस ने घोषणा की कि अब राज्य में चरणबद्ध तरीके से सभी ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को बॉडी ऑन कैमरा उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा बॉडी कैमरा रहेगा तभी ई-चलान किया जा सकेगा. हम ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं जिससे विवादों की गुंजाइश खत्म हो. 

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विवादों को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा कदम उठाया है. उनके इस कदम से ई-चालान को लेकर खड़े हो रहे सवालों और विवादों पर विराम लगने की संभावना है. इस तरह की स्थिति को देखते हुए सीएम फडणवीस ने ये ऐलान किया है. 

पुराने चालान निपटाने के लिए लोक अदालत पर भी विचार

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पुराने लंबित चालानों को निपटाने के लिए लोक अदालत आयोजित करने पर विचार जारी है, ताकि लोगों को राहत मिल सके. ई-चलान से जुड़ी तकनीकी और प्रशासनिक समस्याएं दूर करने के लिए सरकार एक स्टडी ग्रुप तैयार कर रही है.

फडणवीस ने कहा कि आने वाले तीन महीनों में एक नई इनॉवेटिव व्यवस्था तैयार की जाएगी, जिससे ई-चलान प्रणाली पूरी तरह पारदर्शी और आधुनिक होगी. ई-चालान प्रणाली को लेकर सरकार की ओर से कई ठोस और अहम कदम उठाए जा रहे हैं.