महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव अकेले लड़ेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है और जल्द ही अपना घोषणापत्र (मैनिफेस्टो) और बीएमसी में हुए कथित घोटालों को लेकर एक चार्जशीट भी जारी करेगी.

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चेन्निथला ने कहा कि स्थानीय निकाय के ये चुनाव जमीनी स्तर पर होते हैं और जनता से जुड़े मुद्दों पर कांग्रेस पूरी मजबूती से उतरेगी. उन्होंने सवाल उठाया कि मुंबई का अपेक्षित विकास क्यों नहीं हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है. कांग्रेस चुनाव में भ्रष्टाचार और प्रदूषण जैसे अहम मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी. उन्होंने कहा कि लोगों को पता है कि मुंबई में क्या हुआ और क्या नहीं हुआ.

वंचित बहुजन आघाड़ी से गठबंधन पर क्या बोले चेन्निथला?

कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि ये चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के चलते हो रहे हैं. वंचित बहुजन आघाड़ी से गठबंधन पर चेन्निथला ने बताया, '' उनकी वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर से फोन पर बातचीत हुई है. इस बातचीत के बाद कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने जाएगा.''

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उद्धव ठाकरे के लिए कांग्रेस बनी मुसीबत!

उधर, शिवसेना (यूबीटी) और बीएमसी का किला बचाने के लिए उद्धव ठाकरे ने पुराने सभी विवाद को नजरअंदाज कर MNS प्रमुख राज ठाकरे के साथ हाथ मिलाया है लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत कांग्रेस बनकर उभरी है. बीएमसी चुनाव में कांग्रेस की एकला चलो की रणनीति महाविकास अघाड़ी (MVA) के लिए एक तरह से झटका ही है. उद्धव ठाकरे की पार्टी इस चुनाव में सत्ता में बैठी महायुति के घटक दलों का सामना तो करेगी ही, साथ में कांग्रेस से भी अब मुकाबला करना होगा.

पिछले महीने नवंबर में शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने बीएमसी चुनाव में कांग्रेस की अकेले लड़ने की मंशा पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस बड़ी और पुरानी पार्टी है. अगर वे अकेले चुनाव लड़ना चाहती है, तो शुभकामनाएं.

कब हैं बीएमसी के चुनाव?

महाराष्ट्र में सोमवार (15 दिसंबर) को मुंबई सहित 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव घोषित किए गए हैं. आर्थिक रूप से समृद्ध मुंबई सहित 29 नगर निकायों के लिए चुनाव 15 जनवरी को होंगे जबकि वोटों की गिनती 16 जनवरी को होगी.