महाराष्ट्र की आगामी BMC चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से बड़ा ऐलान किया गया है. कांग्रेस पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह आगामी मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी चुनाव महाविकास आघाड़ी (MVA) के साथ नहीं लड़ेगी. कांग्रेस ने यह फैसला मुंबई में हुई समीक्षा बैठक के बाद लिया.

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इस फैसले को एमवीए के लिए बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, साल 2026 के बीएमसी चुनाव राज्य राजनीति का सेमीफाइनल हैं और ये फैसले आगामी विधानसभा चुनाव पर भी असर डाल सकते हैं.

BMC में अकेले क्यों उतरना चाहती है कांग्रेस?

मुंबई में हुई कांग्रेस की बैठक में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि कांग्रेस बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी. हालांकि MVA से दूरी बनाने के बावजूद कांग्रेस प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के साथ गठबंधन को लेकर उत्सुक दिखाई दे रही है. 

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हाल ही में नगर पंचायत और नगर परिषद चुनावों में वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रदर्शन ने कांग्रेस को रणनीतिक रूप से आकर्षित किया है. मुंबई कांग्रेस की ओर से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी यू. बी. वेंकटेश, सचिन सावंत और पूर्व मंत्री व विधायक असलम शेख ने वंचित के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर से मुलाकात की. कांग्रेस के मुताबिक बातचीत सकारात्मक रही है और दोनों दल जल्द ही गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं.

कमेटी गठन और चुनावी कार्यक्रम

वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए मुंबई कांग्रेस ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में विधायक अमीन पटेल, पूर्व विधायक मधु चव्हाण और एआईसीसी सेक्रेटरी व मुंबई कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सचिन सावंत शामिल हैं. कांग्रेस का कहना है कि जल्द ही फिर से बैठक होगी और गठबंधन को अंतिम रूप दिया जाएगा. इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने 29 नगर निगमों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. बीएमसी समेत सभी नगर निगमों के लिए मतदान 15 जनवरी 2026 को एक ही चरण में होगा, जबकि मतगणना 16 जनवरी 2026 को की जाएगी.