Maharashtra News: शिवसेना-य़ूबीटी (Shivsena UBT) के सांसद अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने कहा कि एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) को उस कार्यक्रम में शामिल होने के अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए जहां पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. शरद पवार 1 अगस्त को पुणे में लोकमान्य तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले हैं. वहां शरद पवार और पीएम मोदी एक ही मंच पर नजर आएंगे. 


विपक्षी गठबंधन इंडिया के विभिन्न  घटकों के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया है. उनका मानना है कि इससे गठबंधन को गलत तरीके से देखा जाएगा.  जब अजीत पवार बगावत कर महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए हैं, ऐसे में शरद पवार के इस कार्यक्रम में शामिल होने पर इंडिया गंठबंधन के नेताओं ने विरोध जताया है.


अरविंद सावंत ने तिलक के नारे का क्या जिक्र
उधर, अवरिंद सावंत ने कहा कि तिलक ने 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है' का नारा दिया था. लेकिन क्या आज स्वराज है? आज की परिस्थिति में शरद पवार को सोचना चाहिए कि यह स्वराज की जगह  'स्व-राज्य' यानी एक व्यक्ति का शासन है.  अरविंद सावंत ने कहा कि शरद पवार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए.


इसलिए दिया जाता है लोकमान्य तिलक पुरस्कार
सावंत ने कहा कि,  ''बीजेपी के नेता भारत के संविधान को नष्ट कर रहे हैं, पवार को वहां नहीं जाना चाहिए.'' बता दें कि लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार का गठन किया गया था. उधर, पीआईबी की ओऱ से जारी बयान में कहा गया है कि यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने देश की प्रगति और विकास के लिए काम किया है और जिनके योगदान को केवल उल्लेखनीय और असाधारण के रूप में देखा जा सकता है. बयान में कहा गया है कि इसे हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्य तिथि पर प्रस्तुत किया जाता है.


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