Umesh kolhe Murder Case: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की मुश्किलें बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को इस बात की जांच के आदेश दिए कि क्या पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अमरावती पुलिस (Amravati Police) पर उमेश कोल्हे की हत्या (Umesh kolhe Murder Case) को लेकर डकैती के नजरिए से जांच के लिए दबाव डाला था.


मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि राज्य खुफिया विभाग (SID) जांच करेगा कि क्या उद्धव ठाकरे ने अमरावती की पुलिस आयुक्त आरती सिंह को कोल्हे की हत्या में डकैती के एंगल से जांच करने के लिए कहा था. उमेश हत्या मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के द्वारा की जा रही है.


शुक्रवार को विधानसभा में उठाया गया था मामला
अमरावती के निर्दलीय विधायक रवि राणा ने शुक्रवार को विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया जिसके बाद देसाई ने ये चौंकाने वाला ऐलान किया. विधायक रवि राणा ने कहा कि कोल्हे की हत्या 21 जून को हुई थी, उस समय राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे थे, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर डकैती के एंगल से मामले की जांच की. राणा ने मांग की कि यह उद्धव ठाकरे थे जिन्होंने एक स्थानीय कांग्रेस नेता के कहने पर पुलिस आयुक्त आरती सिंह को मामले में डकैती के एंगल से जांच करने के लिए बुलाया था. हम चाहते हैं कि उनके फोन कॉल की एक विशेष जांच दल के माध्यम से जांच की जानी चाहिए.


21 जून को उमेश कोल्हे की हुई थी हत्या
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से जवाब देते हुए, मंत्री शंभूराज देसाई ने एसआईडी जांच का आश्वासन दिया कि किसने किसे बुलाया, क्या मामले को दबाने की कोशिश की गई और कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी. गौरतलब है कि अपनी फामेर्सी की दुकान से घर लौट रहे 54 वर्षीय उमेश कोल्हे की 21 जून की देर रात तीन हमलावरों ने हत्या कर दी थी. उमेश की हत्या बीजेपी की तत्कालीन प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादास्पद टिप्पणियों का समर्थन करने वाले संदेशों को कथित रूप से पोस्ट करने के बाद की गई थी. एमवीए सरकार के गिरने के बाद, नई सरकार ने कोल्हे मामले को एनआईए को सौंप दिया, जिसने इस सप्ताह चार्जशीट दायर की है.


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