एक तरफ महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव का बिगुल बज चुका है. वहीं दूसरी तरफ सियासी हलचल भी तेज हैं. नगर निगम चुनाव के बीच महाराष्ट्र के खेल मंत्री और अजित पवार गुट के नेता माणिकराव कोकाटे ने मंगलवार (17 दिसंबर) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कोकाटे को नासिक की एक अदालत ने 1995 में धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में दोषी ठहराया और दो साल जेल की सजा सुनाई है. इसके बाद उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया. उनके इस्तीफे के बाद डिप्टी सीएम और एनसीपी के चीफ अजित पवार की प्रतिक्रिया सामने आई है.
कोकाटे का इस्तीफा स्वीकार किया गया- अजित पवार
अजित पवार ने कहा, "महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और मेरी पार्टी के सहयोगी माणिकराव कोकाटे ने कोर्ट के फैसले के बाद मुझे अपना इस्तीफा सौंप दिया. हमारी पार्टी की पुरानी फिलॉसफी के अनुसार कि कानून का राज सबसे ऊपर है और सभी व्यक्तियों से बड़ा है. इस्तीफे को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है."
कानून के शासन के साथ मजबूती से खड़े हैं- अजित पवार
इसके आगे उन्होंने कहा, "मैंने संवैधानिक प्रक्रिया के तहत कोकाटे का इस्तीफा सीएम को उचित विचार और स्वीकृति के लिए भेज दिया है. हमारी पार्टी हमेशा से मानती आई है कि सार्वजनिक जीवन संवैधानिक नैतिकता, ईमानदारी और न्यायपालिका के सम्मान से निर्देशित होना चाहिए. हम कानून के शासन के साथ मजबूती से खड़े हैं और इस तरीके से काम करते रहेंगे जो लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के भरोसे को बनाए रखे."
क्या है पूरा मामला?
कोकाटे को 1995 के धोखाधड़ी और जालसाली मामले में सुनाई गई दो साल की सजा को नासिक सेशंस कोर्ट ने बरकरार रखा. उनके खिलाफ नासिक जिले की एक कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 20 फरवरी को 2025 को माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय को राज्य सरकार के कोटे के तहत फ्लैट हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने से जुड़े मामले में दोषी करार दिया और उन्हें दो-दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी.