Hijab Controversy: एआईएमआईएम (AIMIM) नेता वारिस पठान (Waris Pathan) को मुंबई ने उनके ही घर में नजरबंद कर दिया है. इस बात की जानकारी स्वयं वारिस पठान ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए साझा की है. वारिस ने कुछ तस्वीरें साझा करते हुए बताया कि उन्हें उनके मुंबई स्थित घर पर हाउस अरेस्ट कर लिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें इस लिए हाउस अरेस्ट किया है क्योंकि वे हिजाब बैन को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन का हिस्सा बनने जा रहे थे.


उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''मुझे मुंबई पुलिस ने मेरे वर्ली आवास पर नजरबंद कर दिया है क्योंकि मुझे हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ मलाड मुंबई में एआईएमआईएम मुंबई महिला इकाई द्वारा आयोजित शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल होना था. क्या एमवीए सरकार के शासन में लोकतंत्र बचा है?''






आदित्य ठाकरे ने किया बैन का समर्थन


महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) की इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है. आदित्य का कहना है कि स्कूलों में केवल पढ़ाई पर ध्यान दिया जाना चाहिए इन सब विवादों पर नहीं. इस विवाद को लेकर आदित्य ने कहा, ''स्कूल व कॉलेज के लिए यूनिफॉर्म तय होती है और इसे फॉलो किया जाना चाहिए. शिक्षा के केंद्रों में केवल शिक्षा पर ही ध्यान दिया जाना चाहिए. धार्मिक व राजनैतिक मुद्दों को स्कूलों और कॉलेजों में नहीं लाना चाहिए.''


क्या है पूरा मामला


कर्नाटक के उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में जनवरी महीने में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में बैठने से रोका गया था. कॉलेज ने यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया जिसके बाद छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnatka High Court) में याचिका दायर करते हुए तर्क दिया कि हिजाब पहनने की इजाजत ना देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकार का हनन है. 


इस याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा, 'हम कारणों से चलेंगे, कानून से चलेंगे. किसी के जुनून या भावनाओं से नहीं. जो संविधान कहेगा, वही करेंगे. संविधान ही हमारे लिए भगवद्गीता है. मैंने संविधान के मुताबिक चलने की शपथ ली है. भावनाओं को इतर रखिए. हम ये सब हर रोज होते नहीं देख सकते.'