Bakrid 2025 News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रवक्ता वारिस पठान ने महाराष्ट्र में बकरीद के अवसर पर कुछ दिनों के लिए बकरों की बिक्री पर कथित रोक से जुड़े निर्देशों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे महज अफवाह बताते हुए कहा कि अब तक महाराष्ट्र सरकार की ओर से ऐसा कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है.

वारिस पठान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "संविधान सब को इजाजत देता है अपना-अपना त्योहार मनाने का. कुछ लोग ये अफवाह फैला रहे हैं कि आप बकरा बेच-खरीद नहीं सकते. महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा कोई नोटिफिकेशन अब तक नहीं निकाला है."

हम बकरीद पूरी गाइडलाइंस फॉलो करके मनाते हैं- वारिस पठान पोस्ट में पठान ने आगे लिखा, "हर साल हम बकरीद पूरी गाइडलाइंस फॉलो करके मनाते हैं और इस बार भी ऐसा ही करेंगे. किसान सालभर बकरा पालता है ताकि ईद के वक्त कुछ पैसा कमा सके. क्या यह उसका नुकसान नहीं होगा?" 

सरकार ऐसा कुछ जारी करती है, तो हम देखेंगे- वारिस पठान वारिस पठान ने कहा, "मेरी जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि बकरीद के लिए जानवर नहीं खरीदे या बेचे जा सकते. ऐसा कोई आदेश या नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. अगर भविष्य में सरकार ऐसा कुछ जारी करती है, तो हम देखेंगे, पर अभी ऐसी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है."

उन्होंने आगे कहा कि भारत एक सेक्युलर देश है, जहां हर धर्म के लोग अपने-अपने त्योहारों को मिल-जुलकर मनाते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हिंदू होली और दिवाली मनाते हैं, ईसाई अपना त्योहार मनाते हैं और मुसलमान बकरीद मनाते हैं, सब मिलकर अपने पर्व मनाते हैं.

सरकार जल्द से जल्द एक नोटिफिकेशन जारी करे- पठानउन्होंने कहा, "कई सालों से हम कानून और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए बकरीद मनाते आए हैं. अब अगर कोई ये कहे कि बाजार में इस तारीख से उस तारीख तक जानवर नहीं बिक सकते, तो यह किसानों के साथ अन्याय होगा. किसान सालभर मेहनत से जानवर पालते हैं ताकि त्योहार पर उनकी बिक्री से कुछ आमदनी हो सके." उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार जल्द से जल्द एक स्पष्ट नोटिफिकेशन जारी करे, जिससे जनता में फैली अफवाहों पर विराम लगे और स्थिति स्पष्ट हो.

पठान ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ तत्व देश में आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "लोग हमें फोन कर रहे हैं, घबराए हुए हैं. हमने उन्हें कहा कि अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं आया है. कुछ लोगों को शायद यह पसंद नहीं आ रहा कि देश के 140 करोड़ लोग एकता से खड़े हैं, इसलिए नफरत फैलाने की कोशिश हो रही है."