महाराष्ट्र में निकाय चुनाव के बीच शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने वोटर लिस्ट और बीएलओ समेत अन्य मसले को लेकर सरकार और चुनाव आयोग को घेरा है. उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि जो वोटर लिस्ट निकली, उसमें देरी हुई. जब डाउनलोड किया तो उसमें भी परेशानी थी. हमने चुनाव आयोग को पत्र दिया. हम इस घोटाले पर काम कर रहे थे. हम अलग अलग ब्रांच में गए. अभी जो चुनाव चल रहा उसमें बैग लेकर उतर रहे हैं. उसमें पैसा है कि नहीं, समझ नहीं आ रहा. चुनाव आयोग एक सर्कस बन गया है. वोटिंग की डेट को क्यों आगे बढ़ाया, यह बताएं.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''कोई जाकर बता रहा है कि चुनाव में वोटिंग किसको करना है. पता नहीं क्या चल रहा है? हमने दोहरे मतदाताओं की लिस्ट बनाई. चुनाव आयोग ने जो 14 लाख डबल वोटर दिखाए, उम्मीद है कि नाम हटाए जाएंगे. हमारे लोगों के ही नाम संभाव्य मतदारों के नाम में डाले हैं. इससे चुनाव प्रक्रिया धीमी होगी. इसे ठीक करना चुनाव आयोग का काम है, BLO का काम है.''
BLO के काम के तरीके पर ठाकरे ने उठाए सवाल
आदित्य ठाकरे ने ये भी कहा, ''BMC के BLO बनकर वे लोग आते हैं, जिन्हें पढ़ना लिखना नहीं आता. कोई बुरी बात नहीं लेकिन यह एक महत्वपूर्ण काम है. इसमें केंद्रीय और राज्य स्तरीय चुनाव आयोग से सवाल है कि आप पेमेंट किस बात की ले रहे हैं. सर्कस बना कर रखा है. 14 लाख लोगों के नाम डबल वोटरों में लिखा है. लोकसभा और विधान सभा चुनाव में हमने कहा कि जिनकी मृत्यु हुई है. उनके डेथ सर्टिफिकेट देने के बाद भी चुनाव आयोग ने कदम नहीं उठाया. जिनकी मृत्यु हुई उनके नाम पर क्या कोई वोटिंग कर रहा है?
लोकतंत्र को मार डालने का काम चल रहा- आदित्य ठाकरे
उन्होंने आगे कहा, ''यह लोकतंत्र को मार डालने का काम चल रहा है. यह विषय यहां खत्म नहीं हो रहा है. एक गंभीर बात सामने आई है कि वोटर लिस्ट जो बीएमसी चुनाव में आएगी उसमें 1 जुलाई 2025 के बाद कोई नया नाम शामिल नहीं होगा. लेकिन (आदित्य की रिसर्च टीम के सदस्य बोल रहे हैं) कि 1 जुलाई के बाद भी कुछ नए वोटर जुड़े हैं. BMC ने जो लिस्ट दी वह साफ होनी चाहिए. एक व्यक्ति के कई बार नाम हैं. हमारे लोगों के नाम डबल वोटरों के नाम लिखे हुए हैं.
'अपेक्षा है अन्य पक्ष भी इस पर काम करेंगे'
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने कहा, ''हमारी अपेक्षा है कि अन्य पक्ष भी इसपर काम करेंगे. हम एक तरह से चुनाव आयोग की मदद कर रहे हैं. ऑब्जेक्शन के लिए और 7 दिन दें. राज्य के मुख्यमंत्री खुद चुनाव आयोग की आलोचना कर रहे हैं? वो बोलते हैं ना 'मेरी बिल्ली मुझसे म्याऊं'. चुनाव आयोग उनके ही दफ्तर में काम कर रहा है. अब या तो वोटर लिस्ट निर्दोष होगी या चुनाव आयोग दोषी. BLO से काम नहीं हो रहा है.
चुनाव आयोग एक सर्कस बन गया- आदित्य ठाकरे
उन्होंने ये भी कहा, ''चुनाव आयोग एक सर्कस बन गया है. वोटिंग की डेट को क्यों आगे बढ़ाया, यह बताएं. चुनाव के नतीजे 21 तारीख को आएंगे, अब इसपर पर खुद सीएम नाराज हैं. कोर्ट को अगर इस मामले में आना पड़ जाए तो क्या मतलब. अपना पक्ष रखा है और वोटर लिस्ट को समझाया और पूछा कि 1 जुलाई के पहले के लोगों के नाम क्यों आए? उन्होंने कहा, ''मालवण में जो बैग नजर आया क्या उसमें वहीं था जो सूरत और गुवाहाटी में जाते समय था. हम नहीं बीजेपी यह सवाल पूछ रही है.''