मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाला मामले में आरोपी अवधेश सिंह भदौरिया को सीबीआई ने सोमवार (11 अगस्त) को गिरफ्तार कर लिया. भदौरिया करीब 13 सालों से फरार चल रहा था. वो एमपी के भिंड का निवासी है. भिंड के ब्लॉक कॉलोनी के रहने वाला ये शख्स साल 2011 में संविदा शिक्षक वर्ग-3 की पात्रता परीक्षा में शामिल हुआ था लेकिन इसके बेहद ही कम नंबर आए थे और इसने व्यापम के रैकेट के जरिए नंबर बढ़वा लिए थे.
वो पिछले कई सालों से सीबीआई की रडार पर था. हर जगह उसकी तलाश में छापेमारी हो रही थी. गिरफ्तारी से बचने के लिए वो शहर बदलता रहा. दिल्ली NCR, पंजाब के लुधियाना में भी रहा. इसके अलावा वो पुलिस से बचने के लिए मुंबई में भी रहा. कुछ वक्त से वो यूपी के कन्नौज में रह रहा था.
13 साल से फरार अवधेश भदौरिया कन्नौज से गिरफ्तार
आखिरकार सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने करीब 13 साल बाद अवधेश सिंह भदौरिया को पकड़ने में सफलता हासिल की. सोमवार (11 अगस्त) को उसे कन्नौज के इंदरगढ़ के पास पुलिस चौकी से गिरफ्तार कर लिया गया. व्यापम मामले में आरोपी भदौरिया की भोपाल की सीबीआई कोर्ट में पेशी होगी, जहां से उसे रिमांड पर लेने की मांग की जाएगी और इसके लिए आवेदन भी दिया जाएगा.
क्या है भदौरिया से जुड़ा व्यापम मामला?
भिंड निवासी अवधेश सिंह भदौरिया ने साल 2011 में संविदा शिक्षक वर्ग-3 की पात्रता परीक्षा दी थी. इसमें भदौरिया को कुल 43 अंक प्राप्त हुए थे लेकिन व्यापम के रैकेट के माध्यम से मिलीभगत करके इस शख्स ने इस परीक्षा के परिणाम में 43 अंक बढ़ावा लिए थे. हालांकि फर्जीवाड़े के जरिए इतने अंक लाने के बाद भी वो टीचर नहीं बन सका था. इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही थी, इसी दौरान भदौरिया की गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया और उसे आरोपी बनाया गया था.