Vivek Tankha on Govt Law College Principal: राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इंदौर में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज की गई FIR को रद्द करने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इंदौर में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज की गई FIR को रद्द किया गया, उसका मैं स्वागत करता हूं. उन्होंने मध्य प्रदेश की पुलिस से इस मामले में माफी मांगने को भी कहा है.


राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''उन्होंने कहा कि एमपी पुलिस के निंदनीय कृत्य जिससे लॉ कॉलेज के प्राध्यापकों और छात्रों को दबाने की कोशिश की थी उसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी जानी चाहिए और ऐसा कृत्य दोबारा ना हो इसका आश्वासन भी दिया जाए.''






प्रिंसिपल के खिलाफ FIR रद्द


बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर के लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में मिली कथित विवादित किताब के मामले में सस्पेंड किया जा चुके प्रिंसिपल प्रोफेसर इनामुर रहमान को राहत देते हुए उन पर दर्ज की गई FIR को रद्द कर दिया था. दरअसल साल दिसंबर 2022 में इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में प्रिंसिपल पर धार्मिक कट्टरता फैलाने का आरोप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने लगाया था. इस मामले में भंवरकुआ पुलिस थाने में FIR भी दर्ज की गई थी और छात्रों ने आरोपों को लेकर सबूत पेश करने के साथ भंवरकुआं थाने में आवेदन भी दिया था.


प्रिंसिपल के खिलाफ क्या लगे थे आरोप?


गौरतलब है कि इस किताब के लेखक डॉक्टर फरहत खान इंदौर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के प्रिंसिपल इनामुर रहमान और कॉलेज के ही एक प्राध्यापक डॉक्टर मिर्जा मुईस के खिलाफ एबीवीपी ने केस दर्ज करने की मांग की थी. आरोप लगाया था कि इस किताब में लेखक ने जानबूझकर झूठ पेश किया है और हिंदू धर्म के खिलाफ गलत टिप्पणियां की गई है.


आरोप यह भी लगा था कि लेखक ने राष्ट्र विरोधी मुहिम चलाते हुए किताब में हिंदू धर्म के खिलाफ और आरएसएस के खिलाफ झूठे तथ्य पेश किया. इस मामले में पुलिस ने उपरोक्त चारों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया था और प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया. इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग में विभाग की जांच भी बैठाई गई थी.


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