विदिशा में एक ऐसी घटना सामने आई है जहां दोस्ती के नाम पर हुए दगा ने एक पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया. जिस दोस्ती पर परिवार ने भरोसा किया, वही दोस्ती उसके परिवार के लिए गहरे सदमे की वजह बन गई. मामला इतना भावुक हो गया कि परिजनों ने जीती-जागती बेटी का प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार कर दिया.
घर से अचानक लापता हुई 23 वर्षीय कविता
मामला विदिशा की चूना बाली गली का है. यहां रहने वाले कुशवाह परिवार की 23 वर्षीय बेटी कविता कुशवाहा कुछ दिन पहले अचानक घर से चली गई. परिजनों ने पहले हर संभव जगह उसकी तलाश की, लेकिन बाद में पता चला कि वह पारिवारिक दोस्त के साथ घर छोड़कर गई है. परिजनों का कहना है कि जिस युवक को बेटी सिर्फ एक दोस्त मानती थी, उसी दोस्ती ने धीरे-धीरे भरोसे को तोड़ा और अंत में परिवार से दूरी की वजह बन गई. दोस्ती का यह दगा पूरे परिवार के लिए असहनीय साबित हुआ.
आटे का पुतला बनाकर निकाली प्रतीकात्मक अर्थी
बेटी के जाने और सामाजिक दबाव के चलते टूट चुके परिजनों ने आटे से कविता का पुतला बनवाया, अर्थी सजाई और शहर में प्रतीकात्मक अंतिम यात्रा निकाली. इसके बाद शमशान घाट पहुंचकर विधि-विधान से प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया गया. “हमारी बहन मासूम थी, उसने दोस्ती पर भरोसा किया. हमें नहीं पता था कि वही दोस्ती हमारे परिवार को इस तरह तोड़ देगी. आज हमने बहन की नहीं, उस भरोसे की अर्थी निकाली है. ”परिवार का कहना है कि अगर समय रहते दोस्ती की सच्चाई सामने आ जाती, तो शायद आज यह दिन नहीं देखना पड़ता. “मैंने बेटी को अच्छे संस्कार दिए थे. उसने दोस्त को भगवान समझ लिया और वही दोस्ती हमारे लिए अभिशाप बन गई. आज मेरे लिए मेरी बेटी मर चुकी है. ” में सभी से कहना चाहता हूं आपकी दोस्ती घर तक न लाए “आजकल की दोस्ती कितनी खतरनाक हो सकती है, यह इस घटना ने दिखा दिया. एक गलत दोस्ती पूरे परिवार को बर्बाद कर सकती है. ” “यह सिर्फ एक लड़की के जाने की कहानी नहीं है, यह दोस्ती के नाम पर हुए धोखे की कहानी है. ” विदिशा की यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि क्या आज की दोस्ती भरोसे के काबिल है, या फिर यही दोस्ती रिश्तों के टूटने की सबसे बड़ी वजह बनती जा रही है. दोस्ती में हुआ यह दगा आज पूरे शहर में चर्चा का विषय है.