पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सीहोर के गणेश मंदिर में पूजा अर्चना की. उन्होंने साफ किया कि मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शामिल नहीं हूं. मीडिया से बातचीत में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कहा कि छोटा सा कार्यकर्ता भी बीजेपी में अध्यक्ष बन सकता है. मगर मैं इस दौड़ में शामिल नहीं हूं.
उमा भारती ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर भी पहुंचीं. सावन महीने के पहले सोमवार पर उन्होंने भगवान महाकाल के दर्शन किए. हिंदू राष्ट्र की उठ रही मांग को लेकर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी. पूर्व सीएम ने हिंदू राज्य और हिंदू राष्ट्र के बीच का अंतर भी बताया.
उज्जैन में मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा, "यह हिंदू राष्ट्र है, हिंदू राज्य नहीं है. दोनों में अंतर होता है. हिंदू राज्य का मतलब है कि हिंदुओं का ही राज्य रहेगा, जबकि हिंदू राष्ट्र का मतलब सर्वसमावेशी होता है.''
उमा भारती ने सरसंघचालक के पुराने बयान का किया जिक्र
उन्होंने हिंदू राष्ट्र को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक के पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा, ''हमारे सर संघ संचालक जी ने आज से 6 साल पहले कहा था कि जो हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना है, उसमें ऐसा हो ही नहीं सकता है कि अल्पसंख्यक न हो."
मनोकामना है कि धर्म ध्वजा फहराती रहे- उमा भारती
उज्जैन में महाकाल के दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत में उमा भारती ने ये भी कहा, ''मैं हर बार महाकाल से एक ही प्रार्थना करती हूं कि जैसी आपकी ध्वजा फहरा रही है, वैसे ही धर्म ध्वजा भी फहराती रहे. यही मेरी एकमात्र मनोकामना है. मैं जब भी बाबा महाकाल का बुलावा महसूस करती हैं, तब दर्शन के लिए चली आती हूं, लेकिन कोशिश करती हूं कि सावन महीने की शिवरात्रि पर मंदिर आएं लेकिन भक्तों को कोई असुविधा न हो इसलिए पहले सोमवार को दर्शन करना सही समझा.
सीएम मोहन यादव की तारीफ
इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, ''सीएम मोहन यादव बेहद ही संवेदनशील व्यक्ति हैं, वो हर बात को गहराई से समझते हैं. मैं उनसे बहुत प्रसन्न रहती हूं.'' पूर्व सीएम उमा भारती ने बाबा महाकाल से आगामी सिंहस्थ 2028 की सफलता के लिए भी विशेष प्रार्थना की.