Bhopal News: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज बीजेपी नेता उमा भारती (Uma Bharti) ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी की सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा की है. भोपाल में स्वास्थ्य लाभ ले रही उमा भारती ने सोमवार को एक के बाद एक सात ट्वीट करते हुए सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा पर नाराजगी जताई. उन्होंने प्रदेश के नेताओं और अफसरों से अपील की है कि वे अपना इलाज किसी इमरजेंसी के अलावा सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही कराएं. इसके साथ ही उमा भारती ने राज्य सरकार के भव्य आयोजनों पर भी उंगली उठाई है. 


उमा भारती की मुहिम


यहां बताते चलें कि इसके पहले राज्य में शराबबंदी को लेकर उमा भारती ने कई महीनों तक मुहिम चलाई थी,जिसके कारण शिवराज सरकार को नई आबकारी नीति में कई परिवर्तन करने पड़े.उमा भारती ने राज्य की कई शराब दुकानों के सामने खड़े होकर प्रदर्शन भी किया था.उन्होंने ओरछा में रामराजा सरकार मंदिर के समीप शराब की दुकान ना हटाए जाने को लेकर भी कई बार सख्त नाराजगी जाहिर की थी. 






सोमवार को उमा भारती ने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट ट्विटर पर  लिखा , "प्रदेश में एक ओर हमारी सभाओं पर करोड़ों खर्च हो रहें हैं, दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों के बर्न यूनिट और आईसीयू में एसी के अभाव में गरीब, महिलाओं और बच्चे गर्मी में तड़प रहे हैं.यह असमानता हमारे लिए शर्मनाक है." 


उमा भारती की इलाज


उमा भारती ने पिछले दिनों अस्वस्थ होने पर बंसल अस्पताल और स्मार्ट सिटी अस्पताल में इलाज के अनुभव बताते हुए लिखा कि,"एक महीने पहले अपने अस्वस्थ होने की सूचना एवं डॉक्टरों द्वारा विश्राम की सलाह के बारे में मैंने आपको अवगत कराया है.मैंने परसों अपने सारे चेकअप बंसल अस्पताल में कराए हैं,इसके पहले मैं 20 मई  की रात 11:00 बजे अस्वस्थ होने पर स्मार्ट सिटी अस्पताल में कुछ घंटों के लिए भर्ती हुई थी. 


उन्होंने आगे लिखा कि,"मैं कभी भी अपना इलाज प्राइवेट अस्पतालों में नहीं कराती, लेकिन मजबूरी में ऐसी स्थिति बनी थी कि प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ा.लेकिन अखबारों में विदिशा के जिला अस्पताल में आईसीयू यूनिट में एसी नहीं होने और मरीजों के गर्मी से तड़पने की खबर पढ़ी.जब विदिशा में ये हाल है तो मुझे लगता है कि पूरी प्रदेश में भी ऐसे ही हालत हो." 


उमा भारती ने आगे कहा कि,"मैं निजी अस्पतालों और विदिशा जैसे सरकारी अस्पतालों की सुविधाओं में बड़े अंतर से दुखी हूं,यह मानव जाति के साथ बड़ा अपराध है.उमा ने प्रदेश के नेताओं और अफसरों से अपील की है कि वे अपना इलाज किसी इमरजेंसी के अलावा सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही कराइए."


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