Ujjain Jain Temple News: चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले चोर अक्सर सालाखों के पीछे अपने अपराध का पश्चाताप करते हैं, लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन में एक चोर जैन समाज के लोगों की दया का पात्र बन गया. एक शख्स को चोरी के माल के साथ पकड़ा गया, लेकिन उसकी हालत देखकर जैन समाज के लोगों ने उसे पुलिस के हवाले करने की बजाय इलाज के लिए अस्पताल भिजवा दिया.


हुआ यूं कि उज्जैन के सुभाष नगर स्थित श्वेतांबर जैन मंदिर में साध्वी चारु धर्मश्री ठहरी हुई थीं. वहां वे ग्रंथ लिख रही थीं. यह ग्रंथ लगातार 6 वर्षों से लिख रही थीं. इसके बाद वे खाराकुआ जैन मंदिर जाना चाहती थीं, इसलिए उनके सामान को ई-रिक्शा में भरकर खाराकुआ जैन मंदिर के लिए रवाना कर दिया गया. ई-रिक्शा चालक की आर्थिक की स्थिति काफी कमजोर थी और वह बीमार था, इसलिए रास्ते में उसकी नीयत डोल गई. 


वह साध्वी का सामान लेकर रफू चक्कर हो गया. इसकी शिकायत जैन समाज के सुशील जैन ने नीलगंगा थाना पुलिस से की. पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा और अन्य लोगों की मदद से ई रिक्शा चालक को गिरफ्तार कर लिया. जब जैन समाज के लोगों ने उसकी हालत और मजबूरी देखी तो उसे पुलिस से छुड़वाकर अस्पताल में भर्ती करवा दिया. यहां तक की उसके इलाज का खर्च भी जैन समाज के वही लोग उठा रहे हैं, जिन्होंने उसकी पुलिस में शिकायत की थी. 


'मजबूरी ने बना दिया था चोर इसलिए'
जैन समाज के अनिल शेखावत, राजेंद्र सिरोलिया ने बताया कि ई रिक्शा चालक को जब लोगों ने देखा तो उसकी हालत काफी कमजोर थी. वह जो राशि लेकर जैन मंदिर के लिए निकला था वह भी उसे दे दी गई. इसके अलावा उससे साध्वी का ग्रंथ और अन्य सामान ले लिया गया. अभी उसका अस्पताल में इलाज भी चल रहा है. पुलिस के मुताबिक उसका पुराना कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. रिक्शा चालक ने भी बताया कि मजबूरी में उसने इस वारदात को अंजाम दिया.


चोरी की वारदात से उसकी मुराद हो गई पूरी
ई-रिक्शा चालक ने पुलिस को बताया कि वह अपना इलाज करना चाहता था, इसलिए उसकी नीयत डोल गई थी. उसने कहा कि वह ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करना चाहता है कि उसके गलत कदम उठाने के बाद भी उसकी मुराद पूरी हो गई है. 


नीलगंगा थाना प्रभारी विवेक कनोडिया ने बताया कि फरियादी ने अपनी शिकायत वापस ले ली है. उन्होंने किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई के लिए इंकार किया है. उन्होंने अभी बताया कि आरोपी को पकड़ने में कई सीसीटीवी कैमरे खंगालना पड़े.


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