Vaccination News: उज्जैन में कोरोना की लहर कमजोर होने के साथ टीकाकरण भी बेहद कमजोर पड़ गया है. कोरोना से सीधे टक्कर लेने वाले फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थ वर्कर भी टीकाकरण में पीछे हैं. इसके अलावा छात्रों में भी टीकाकरण की गति जोर नहीं पकड़ पा रहा है. गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव उज्जैन संभाग ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में कमजोर पड़ गया है. इसके अलावा चौथी लहर की आशंकाओं के चलते टीकाकरण अभियान को तेज गति से चलाने के दावे भी किए जा रहे थे. लेकिन फिलहाल इन दावों का असर देखने को नहीं मिल रहा है. मध्यप्रदेश में कोरोना की पहली लहर के दौरान पहली मौत उज्जैन की राबिया बी नामक महिला की हुई थी. 


टीकाकरण पर चौंकानेवाला आंकड़ा


धार्मिक नगरी उज्जैन के आंकड़ों पर गौर करने से चौंकाने वाला खुलासा सामने आता है. उज्जैन में 12 से 14 वर्षीय 78300 छात्रों को वैक्सीन लगना था लेकिन अभियान के तहत मात्र 20218 छात्रों को डोज लग पाया है. अधिकारी 15 दिन में शत-प्रतिशत टीकाकरण का दावा कर रहे थे मगर अभी मंजिल दूर दिखाई दे रही है.


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फ्रंटलाइन और हेल्थ वर्कर भी पीछे


45 वर्ष से ऊपर की उम्र के 10677 हेल्थ वर्कर को वैक्सीन का तीसरा डोज लगाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अभी भी लगभग 1000 स्वास्थ्य कर्मियों को डोज लगना बाकी है. इसके अलावा फ्रंटलाइन वर्कर्स की बात की जाए तो 9205 के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था. इस लक्ष्य को पूरा करने में भी दिक्कत आ रही है. वर्तमान आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 7844 फ्रंट लाइन वर्कर ने ही वैक्सीन लगवाया है.


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कलेक्टर और संभागायुक्त की अपील


उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि अभी भी लोगों से अपील की जा रही है कि बच्चों का टीकाकरण जरूर करवाएं. इसके अलावा संभागायुक्त कार्यालय से भी सभी जिलों के अधिकारियों को पत्र लिखकर टीकाकरण के प्रति गंभीरता दिखाते हुए लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया जा रहा है.