Ujjain Mahakaleshwar Mandir: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सावन महोत्सव (Sawan Mahotsav) के दौरान भगवान महाकाल के अलग-अलग रूपों के दर्शन हो रहे हैं. इस दौरान श्रद्धालुओं में काफी खुशी देखने को मिल रही है. बुधवार को भगवान महाकाल ने गजानन के रूप में शिव भक्तों को दर्शन दिए. महाकालेश्वर मंदिर में सावन के दौरान रात 3.00 मंदिर के कपाट खुल जाते हैं. इसके बाद भगवान को स्नान और अभिषेक करने का सिलसिला जारी रहता है. 


महाकालेश्वर मंदिर में देशभर के लाखों श्रद्धालु भगवान महाकाल के अलग-अलग रूपों के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. पंडित राम गुरु के मुताबिक राजाधिराज भगवान महाकाल कई बार गौरी पुत्र गणेश के रूप में भी दर्शन देते हैं. बुधवार को भगवान महाकाल का भांग, सूखे मेवे, चंदन, मुकुट आदि से आकर्षक शृंगार किया गया. इस दौरान भगवान को श्री गणेश के रूप में सजाया गया. महाकालेश्वर मंदिर में कई बार भगवान अर्धनारीश्वर के रूप में दर्शन देते हैं. इस प्रकार प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग शिव परिवार के दर्शन होते रहते हैं. 


भगवान खुद-ब-खुद लेते जाते हैं आकार
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु के मुताबिक जब भगवान महाकाल का शृंगार शुरू होता है तो वे खुद-ब-खुद आकार ले लेते हैं. पहले भगवान निराकार से साकार रूप में आते हैं और फिर साकार से निराकार रूप में चले जाते हैं. भस्मारती के दौरान भगवान की साकार रूप में पूजा की जाती है. भगवान के अलग-अलग रूपों के दर्शन करने से अलग-अलग फल की प्राप्ति होती है. 


भगवान महाकाल इन रूपों में भी देते हैं दर्शन
भगवान महाकाल को अलग-अलग रूप में सजाकर उनकी आराधना की जाती है. पंडित आशीष पुजारी के मुताबिक भगवान महाकाल चंद्रमौलेश्वर, मन महेश, उमा महेश, शिव तांडव, गौरी गणेश, श्री गणेश, पवन पुत्र, तिरुपति बालाजी, विष्णु भगवान के रूप में भी विशेष पर्व और दिनों में श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. भगवान की अलग अलग झलक के दर्शन हासिल करने प्राप्त करने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं. राष्ट्रीय पर्व पर भगवान तिरंगे के रंग में रंगे नजर आते हैं. 


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