Mahakal Mandir Fire Report: होली पर महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती के दौरान अग्निकांड हादसे की जांच दल ने अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलसे हुए हैं. पूरे मामले को लेकर महाकालेश्वर मंदिर की निजी सुरक्षा एजेंसी को भी नोटिस जारी किया गया है.


महाकालेश्वर मंदिर में हुई अग्नि दुर्घटना के लिए गठित जांच समिति ने गुरुवार (28 मार्च) को अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश की है. जांच समिति में  महाकालेश्वर मंदिर में होली पर भस्म आरती के दौरान हुए अग्नि दुर्घटना के लिए गर्भगृह में अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील गुलाल का ले जाया जाना हादसे की मुख्य वजह बताई जा रही है. 


जांच में दुर्घटना के दौरान एकमात्र निकास द्वार का 15 मिनट से अधिक समय तक बंद होना, गर्भगृह में अत्यधिक संख्या में पुजारियों और सेवकों का होना, ड्यूटी पर तैनात मंदिर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी के सौंपे गए दायित्वों के पालन में लापरवाही और होली के लिए जारी निर्देशों का उल्लंघन इत्यादि बिंदुओं को भी दुर्घटना का कारण माना गया है.


जांच समिति द्वारा प्राथमिक तौर पर होली के त्योहार पर निर्धारित प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए मंदिर के अधिकारी, कर्मचारी के साथ सुरक्षा एजेंसी सहित अन्य जिम्मेदारों को दोषी ठहराया है. मुंबई के फायर एक्सपर्ट नीलेश उकंडे द्वारा भी अग्नि दुर्घटना का मुख्य कारण अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील गुलाल को माना गया है. सैंपल का रिपोर्ट आना बाकी हैं.


मंदिर के अधिकारी कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि अग्नि दुर्घटना के लिए विभिन्न स्तर पर लापरवाही पाई गई है. जिसमें प्रमुख रूप से होली त्योहार के लिए मंदिर प्रशासन के ड्यूटी पर तैनात अधिकारी कर्मचारी की ओर से निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाना, सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही, अत्यधिक मात्रा में गुलाल का मंदिर में ले जाया जाना शामिल है. 


उज्जैन कलेक्टर नीरजु कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति के निर्देशों के क्रियान्वयन में लापरवाही के लिए जिम्मेदार मंदिर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर सुरक्षा एजेंसी को भी नोटिस जारी किया जा रहा है. अन्य जिम्मेदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी. 


देश के अन्य मंदिरों की व्यवस्था देखेगा जांच दल
महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए तीन सदस्यीय 4 दल के जरिये काशी विश्वनाथ, तिरुपति, शिर्डी साईं बाबा और सोमनाथ जैसे बड़े प्रमुख मंदिरों का भ्रमण कर वहां की विभिन्न पर्वों पर सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.  जांच रिपोर्ट के उपयोगी सुझावों को महाकाल मंदिर में भी लागू किया जाएगा. मंदिर के सुव्यवस्थित संचालन और प्रमुख पर्वों के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) भी तैयार की जाएगी. साथ ही प्रशासनिक दायित्वों का विभाजन भी किया जाएगा.


जांच समिति की ओर से की गई प्रमुख अनुशंसा
1. मंदिर में आधुनिक फायर अलार्म सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर और फायरफाइटर सिस्टम लगाया जाए.
2. आवश्यक सुरक्षा उपकरणों और मानव संसाधनों की उपलब्धता कर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम.
3. व्यवस्थित पास सिस्टम डेवलप करना.
4. भस्म आरती के अतिरिक्त चलित भस्म आरती के लिए प्रथक से इंतजाम.
5. मंदिर के अंदर मोबाइल सहित सुरक्षा के दृष्टिगत हानिकारक सामग्रियों के ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध.
6. मंदिर में आपातकालीन मार्ग निर्धारित किया जाना.
7. रंग पंचमी पर्व पर मंदिर में प्रतीकात्मक होली इत्यादि के सुझाव दिए गए हैं.


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