Ujjain News: उज्जैन जिले में स्कूल यूनिफॉर्म, किबातें-कॉपी, जूते, टाई और अन्य किसी सामग्री को लेकर किसी स्कूल संचालक ने बच्चों के अभिभावक को किसी एक दुकान या विक्रेता के पास जाने के लिए मजबूर किया तो स्कूल संचालक या प्राचार्य (Principal) की खैर नहीं. इस मामले में उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम (Kumar Purushottam) ने धारा 144 के तहत आदेश जारी कर दिया है. 


दरअसल, कई बार स्कूल संचालक अपने मनपसंद दुकानदार से सामान खरीदने के लिए अभिभावकों को मजबूर करते हैंं. इस प्रकार की शिकायतें स्कूल खुलने के बाद हर साल आती हैं. इसके पीछे यह भी एक वजह सामने आती है कि स्कूल संचालकों और दुकानदारों के बीच सांठगांठ रहती है, जिसके चलते बच्चों और उनके परिवार वालों को ज्यादा दाम चुका कर सामान खरीदना पड़ता है.


डीएम ने दी कार्रवाई की चेतावनी
इस मामले में उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1),(2) के तहत स्कूल संचालक, प्रकाशक और विक्रेताओं का एकाधिकार खत्म करने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है. उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि यदि कोई व्यक्ति, संस्था या आयोजक इस आदेश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड प्रक्रिया की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. 


स्कूल के अंदर प्रचार प्रसार पर प्रतिबंध
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि स्कूल संचालक और पालक शिक्षक संघ को निर्देशित किया गया है कि निजी प्रकाशक, मुद्रक या विक्रेता स्कूल परिसर के अंदर अपने प्रतिष्ठान का प्रचार प्रसार नहीं कर सकेंगे. इसके अलावा कोई भी पुस्तक विक्रेता किसी भी अभिभावक को सभी पुस्तक खरीदने के लिए दबाव नहीं बनाएगा. विद्यार्थी अपनी आवश्यकता के अनुसार पुस्तकों का चयन करते हुए उसकी खरीद कर सकेंगे. इसके लिए वे स्वतंत्र हैं.


ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी पुस्तकों की लिस्ट
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने स्कूल संचालकों और प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वे अनिवार्य रूप से पुस्तकों की सूची स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करें और सार्वजनिक स्थान चस्पा करें. पुस्तकों की एक सूची अभिभावकों को प्रवेश या परीक्षा परिणाम के समय उपलब्ध कराएं, ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार पुस्तकें खरीद सकें.


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