Bhopal News: मध्य प्रदेश के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां एक मई से शुरू होंगी.यह कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूलों में होंगी. लगातार बढ़ते पढ़ाई के दबाव और कंपटीशन के बीच गर्मी की यह छुट्टियां ही ऐसी होती हैं जो बच्चों को तनावमुक्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. पिछले कुछ सालों से कोरोना की वजह से बच्चे ना कहीं घूमने जा पा रहे थे नहीं अपने ननिहाल में मस्ती कर पा रहे थे.इस बार टीकाकरण के बाद कोरोना की रफ्तार पहले की तुलना में बंद है. वहीं कोरोना के प्रति लोगों में सतर्कता बढ़ी है. इससे आवागमन आसान हुआ है.इसे देखते हुए मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने एक मई से लेकर 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया है. 


एमपी के सरकारी अध्यापकों के लिए क्या है आदेश


ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर दिया है. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इन छुट्टियों के दौरान शासकीय शिक्षक अभी अपने कार्यस्थल पर ही कार्यरत रहेंगे.एबीपी संवाददाता को शिक्षा विभाग से जानकारी के अनुसार बच्चों को तनावमुक्त और अपने व्यवहारिक विकास के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा स्कूल शिक्षा विभाग ने की है. 


क्या कहना है मनोरोग विशेषज्ञ का


मनोरोग चिकित्सक डॉक्टर एके शर्मा ने बताया कि आजकल बच्चे भी लगातार पढ़ाई और तनाव के चलते डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण उनकी व्यवहारिक जीवन शैली है. उन्होंने कहा कि पहले बच्चे दोस्त और परिवारजनों के साथ घूमने फिरने एवं आउटडोर गेम्स में अपना समय बिताया करते थे.इससे सवाल उन पर हावी नहीं हो पाता था. वह हर परिस्थिति के लिए तैयार होते थे, लेकिन अब संकुचित होती जीवनशैली के चलते बच्चे भी तनावग्रस्त हो रहे हैं. यदि बच्चों को डिप्रेशन से दूर रखना है तो खुले वातावरण में सामाजिक जीवन शैली में जीने की आदत डालनी चाहिए.डॉक्टर शर्मा ने कहा कि बच्चों को मोबाइल से दूरी बनाकर छुट्टियों के समय खेल और सामान्य जीवनशैली से जीवन के विकास में लोगों को मदद करनी चाहिए.


पहले छुट्टियों में क्या करते थे बच्चे


बदलते परिवेश और पारिवारिक माहौल ने बच्चों के बीच से छुट्टियों का आनंद कहीं ना कहीं खत्म कर दिया है. एक दौर हुआ करता था जब गर्मी की छुट्टियों का इंतजार बच्चे नाना-नानी, मामा-मामी से मिलने के लिए करते थे. बच्चे परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताया करते थे. वो गिल्ली डंडे,कबड्डी,खो खो, बिट्टू, सांप सीढ़ी, लूडो जैसे खेल गर्मी की छुट्टियों का मुख्य आकर्षण हुआ करते थे. वहीं बच्चों के हाथ में आम और आम के प्रति उनकी ललक इस सीजन की खास बात हुआ करती थी.लेकिन पहले वीडियो गेम और अब मोबाइल ने बच्चों से इस बचपन को छीन लिया है. इस वजह से उनके व्यक्तित्व विकास में भी समस्याएं दिखाई दे रही हैं.


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