अजब एमपी का एक गजब कारनामा सिंगरौली जिले से सामने आया है. यहां एक पुल तो बनकर तैयार हो गया, लेकिन उससे जुड़ने वाली सड़क का कोई अता-पता नहीं है. स्थानीय लोगों में इसको लेकर आक्रोश है. उनका कहना है कि यह साफ तौर पर जिला पंचायत के अधिकारियों की अनदेखी का नतीजा है, जहां मनमाने तरीकेसे गांव के सरपंच और सचिव बिना किसी योजना के निर्माण कार्य करा रहे हैं.

पुल की तस्वीर को देखकर ऐसा लग रहा है कि इलाके के खेतों में धान, गेंहू की फसल के अलावा अब पुल की खेती भी होने लगी है. स्थानीय लोग इस परियोजना को लेकर सवाल उठा रहे हैं और जिला पंचायत सीईओ से जवाब मांग रहे हैं कि आखिर बिना सड़क के पुल बनाने का क्या औचित्य है?

लाखों रुपये की लागत से बना पुलयह अनोखा मामला सिंगरौली जिले के देवसर ब्लॉक के नौढ़िया ग्राम पंचायत क्षेत्र का है, जहां सरपंच सचिव ने 6 लाख की लागत से गांव के एक खेत में ऐसे पुल का निमार्ण करा दिया जहां न सड़क है न नदी और न नाले, लेकिन खेत में पुल बना दिया. अब यह अनोखा पुल चर्चा का विषय बन गया है.

ग्रामीणों में भारी आक्रोशस्थानीय ग्रामीण इस मामले को लेकर बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि प्रशासन सिर्फ बहाने बना रहा है, जबकि हकीकत यह है कि सरकारी धन की लूट मची हुई है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गाँव के मुखिया यानी सरपंच, सचिव बिना किसी ठोस योजना के निर्माण कार्य कर रहे हैं. 

लोगों का कहना है कि बिना सड़क के यह पुल किसी काम का नहीं है और इसे बनाने के पीछे सिर्फ सरकारी धन को लूटने का उद्देश्य है. ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल का क्या काम है, ना ही इस पर सड़क होगी ना ही नदी और नाले. लोग इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे?

जिला पंचायत करेगी जांचफिलहाल, इस मामले में जिला पंचायत के सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश जांच करने की बात कर रहें है, लेकिन भ्रष्टाचार का ऐसा गजब कारनामा देखकर सीईओ भी हैरान है.