Sidhi Viral Video: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी व्यक्ति पर कथित तौर पर पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला पर रासुका लगाई गई थी. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस किया है. अदालत ने नोटिस जारी कर दो हफ्ते में मध्य प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच ने राज्य सरकार और सीधी के कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 अगस्त 2023 की तारीख तय की.


आरोपी प्रवेश शुक्ला की पत्नी कंचन शुक्ला की ओर से दायर रिट याचिका दायर की गई है. याचिका के जरिए उनका यह कहना है कि उनके पति के खिलाफ गलत तरीके से रासुका लगाई गई है. आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने का वीडियो चार जुलाई को वायरल हुआ था, जिसके बाद प्रवेश शुक्ला को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया था. कंचन शुक्ला की याचिका में कहा गया है कि प्रवेश एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता हैं और विपक्ष ने उनके खिलाफ माहौल तैयार किया और कहानी बनाई है.


कंचन शुक्ला की याचिका में दी गई ये दलील
कंचन शुक्ला ने यह दलील भी दी है कि उनके पति ने अतीत में कुछ छोटे-मोटे अपराधों को छोड़कर कोई गंभीर अपराध नहीं किया है. कंचन शुक्ला ने अपनी याचिका में कहा कि प्रवेश शुक्ला पर जिस अपराध का आरोप लगाया गया है, उसके लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में प्रावधान उपलब्ध हैं. ऐसे में उनका कहना है कि पांच जुलाई को लगाया गया रासुका संविधान के अनुच्छेद 21 (कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा) के खिलाफ है.


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