MP High Court on Sidhi Case: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सीधी जिले के बहुचर्चित आदिवासी पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला को एनएसए  (National Security Act 1980) से राहत देने से इनकार कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने आरोपी की पत्नी द्वारा दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसके कृत्य से पूरे राज्य में शांति का खतरा पैदा हो गया है. बता दें कि सीधी जिले के आदिवासी पेशाब कांड का आरोपी प्रवेश शुक्ला अभी जेल में बंद है. 


राज्य शासन ने घटना जागर होने के बाद उसके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की थी. कलेक्टर द्वारा एनएसए के तहत की गई कार्रवाई को आरोपी ने कोर्ट में चुनौती दिया था. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की युगलपीठ ने कहा कि बंदी के एक व्यक्ति पर पेशाब करने के कृत्य से मध्य प्रदेश और उसके बाहर समाज को क्रोधित कर दिया. इससे कानून हाथ में लेने की आशंका बढ़ गई, राज्य में कानून और व्यवस्था की गिरावट को रोकने के लिए राज्य द्वारा तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत थी. 


रासुका के लिए मामला उपयुक्त
कोर्ट इस बात से संतुष्ट हुआ कि रासुका (NSA) की कार्रवाई के लिए प्रावधानों का सही ढंग से पालन किया गया. कोर्ट की बेंच ने कहा कि यह इस तरह की कार्रवाई का उपयुक्त मामला है, जिस पर हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. हाईकोर्ट ने अभियोजन की ओर से पेश किए गए रिकॉर्ड से यह भी पाया कि आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति है और उसके खिलाफ किसी में रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं थी.


एसपी के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने लगाया रासुका
यहां बताते चले कि जुलाई 2023 में सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से सीधी पेशाब कांड उजागर हुआ था. इसमें नशे में धुत्त एक युवक सिगरेट पीते हुए एक व्यक्ति पर पेशाब कर रहा था. पुलिस जांच के बाद सामने आया कि यह वीडियो सीधी जिले के बहरी थाना क्षेत्र का था. आरोपी की पहचान बीजेपी विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला के रूप में हुई. पीड़ित उसी गांव का आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाला व्यक्ति था. इस घटना से प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में व्यापक राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया. एसपी सीधी के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने प्रवेश शुक्ला पर रासुका के तहत कार्रवाई की. 


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