मध्य प्रदेश के सीहोर में रविवार (21 दिसंबर) को करणी सेना के कार्यकर्ताओं और विशेष समुदाय के बीच भारी बवाल की खबर है. बताया जा रहा है कि किसी मामूली बात पर बवाल इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई. 

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इस पथराव में वहां खड़ीं करीब 12 गाड़ियों के शीशे टूट गए. दो लोगों के घायल होने की भी जानकारी मिल रही है. इसके बाद आष्टा के हाईवे पर करणी सैनिकों ने चक्का जाम कर दिया. तनाव बढ़ने के बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

मौके पर भारी पुलिस पर तैनात

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मामला रविवार रात करीब 9.00 बजे का है. करणी सेना के काफिले पर हुई पत्थरबाजी के बाद कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया और आष्ट्र हाईवे पर जाम लगा दिया. सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और काफी मशक्कत के बाद स्थिति को नियंत्रण में किया गया. 

पुलिस ने लोगों को दौड़ाया और मौके से सबको तितर बितर किया, ताकि घटनास्थल को खाली कराया जा सके और हिंसा को रोका जा सके. साथ ही, जाम को भी खुलवाया जा सके.

खाने-पीने के लिए रुके थे करणी सैनिक अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, करणी सेना के कार्यकर्ता हरदा में एक प्रदर्शन में गए थे. बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भोपाल की तरफ से लौट रहे थे. इसी दौरान पुराने भोपाल-इंदौर रोड से होते हुए जब वे वापस आ रहे थे, तो सीहोर के आष्टा के पास अलीपुर चौराहे पर आकर रुके. यहां कुछ कार्यकर्ता खाने-पीने के लिए रुके थे. इसी बीच कुछ विवाद हुआ और यह इतना बढ़ गया कि गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी गई. 

तोड़फोड़ की वारदात होने के बाद करणी सेना ने रास्ते को जाम कर दिया. पुलिस ने हालात बिगड़ते देख मौके पर पहुंच कर मामले को शांत कराने की कोशिश की. मौके पर दो-तीन थानों का बल बुलाया गया. 

शांति भंग करने की कोशिश किसने की? 

अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से यह बहुत ही व्यक्तिगत मामला था. दो वर्गों में संघर्ष जैसा कुछ भी नहीं था. करणी सैनिक केवल खाने-पीने के लिए रुके थे. किसी मामूली सी बात पर ही बहस शुरू हो गई और इसने हिंसा का रूप ले लिया. दोनों ही तरफ से पथराव और हिंसा के कदम उठाए गए. 

जीवन सिंह शेरपुर ने की विवाद से दूर रहने की अपील

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने एक वीडियो जारी कर करणी सैनिकों से अपील की है कि आष्टा में हुए विवाद से दूर रहें. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा है, "अगर आप सभी साथी मुझे अपना भाई मानते हैं तो आष्टा में हुए विवाद में दूर रहें, क्योकि यह किसी का षड्यंत्र है. हमारे आंदोलन को खराब करने का काम किया जा रहा है. मैं सभी साथियों से विनम्र निवेदन करता हूं कि आप सभी सुरक्षित रूप से अपने-अपने घर जाएं. रास्ते में कहीं न रुकें और किसी भी प्रकार का उपद्रव न करें. शांति, अनुशासन और जिम्मेदारी ही हमारी पहचान है."