MP News: मध्य प्रदेश स्थित सीहोर जिले के आष्टा क्षेत्र से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां एक तेंदुए के बच्चे की कुएं में गिरने से मौत हो गई. जब ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना वन विभाग को दी, तो वन अमला मौके पर पहुंचा और तेंदुए के शव को कुएं से बाहर निकाला. पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग ने तेंदुए के शव का अंतिम संस्कार कर दिया.
यह मामला आष्टा तहसील के ग्राम रीछडिया का है, जहां खेत पर बने कुएं में एक तेंदुए का बच्चा गिर गया था. खेत मालिक रमेश मेवाड़ा अपने परिवार सहित शादी समारोह में शामिल होने के लिए गांव से बाहर गया हुआ था. जब वह खेत पर लौटा, तो कुएं में तेंदुए का शव तैरता हुआ दिखाई दिया. उसने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी.
तीन दिन तक कुएं में पड़ा रहा तेंदुए का शव सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकाला. आष्टा वन परिक्षेत्र के रेंजर नवनीत झा ने बताया कि मृत तेंदुए की उम्र करीब तीन महीने थी और वह तीन-चार दिन पहले कुएं में गिर गया था. खेत मालिक की गैरमौजूदगी के कारण समय पर सूचना नहीं मिल सकी, जिससे पानी में डूबने के कारण उसकी मौत हो गई.
वन विभाग ने किया अंतिम संस्कार वन विभाग की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया, जिसके बाद विभाग के डिपो परिसर में तेंदुए के बच्चे का विधिवत अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान आष्टा वन परिक्षेत्र के एसडीओ राजेश शर्मा और रेंजर नवनीत झा भी मौजूद रहे.
इस घटना के बाद इलाके में वन्यजीव सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. माना जा रहा है कि गर्मी बढ़ने के कारण जंगल के नहर नालों में पानी सूख गया जिस कारण ये तेंदुआ पानी की तलाश में गांव की ओर आया होगा. लेकिन आखिर क्यों वन विभाग को इस घटना की सूचना इतनी देर से मिली? क्या क्षेत्र में ऐसे खुले कुएं जंगली जानवरों के लिए मौत का जाल बनते जा रहे हैं? प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें.
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