Mahakal Sawari: सावन माह के अंतिम सोमवार पर भगवान महाकाल एक बार फिर नगर भ्रमण पर निकले. भगवान महाकाल का शिव भक्तों ने पूरे मार्ग में जोरदार स्वागत किया. अंतिम सोमवार महाकाल की सवारी में काफी भीड़ देखने को मिली. प्राचीन मान्यता के मुताबिक सावन के सोमवार भगवान महाकाल प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं. सोमवार शाम 4:00 बजे कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की. इसके बाद पालकी महाकालेश्वर मंदिर से रवाना हुई महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस महकमे द्वारा पालकी को गार्ड आफ ऑनर दिया गया. 


इसके बाद सवारी अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई. जब परंपरागत मार्ग से भगवान महाकाल पालकी में विराजित होकर शिप्रा तट पर पहुंची तो वहां पंडित और पुरोहितों ने शिप्रा नदी के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया. पंडित आशीष पुजारी के मुताबिक रामघाट पर शिप्रा के जल से भगवान का मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक किया जाता है. इसके बाद पालकी फिर परंपरागत मार्ग से गोपाल मंदिर पहुंचती है, जहां पर हरि और हर का मिलन होता है. 


सावन के अंतिम सोमवार पर भीड़ ने रिकॉर्ड तोड़े
सावन माह का अंतिम सोमवार होने की वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए उज्जैन पहुंचे थे. प्रदोष का संयोग होने के कारण श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखने को मिली. भगवान महाकाल की सवारी में भी श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली. उज्जैन एसपी सचिन शर्मा के मुताबिक सवारी में भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेष इंतजाम किए गए थे. इसके अलावा पूरे मार्ग में ऊंची इमारत पर टेलिस्कोप के जरिए मॉनिटरिंग भी की जा रही थी.


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