Ratlam News: साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने वाली पुलिस भी साइबर क्रिमिनल के हाथों शिकार बन रही है. मंदसौर में पदस्थ एक सब इंस्पेक्टर को साइबर क्राइम के जरिए 2 लाख रुपये की चपत लगा दी गई. इस मामले की शिकायत औद्योगिक थाना रतलाम में की गई है. रतलाम के त्रिमूर्ति नगर में रहने वाले बसंतीलाल नागर एमपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर है. वर्तमान में वे मंदसौर के पिपलिया मंडी थाने में पदस्थ हैं. 


इस तरह फंसाया जाल में
उनके पास पिछले दिनों एक फोन आया. इस फोन के जरिए साइबर ठग ने खुद को सब इंस्पेक्टर का परिचित बताया. इसके बाद बातों ही बातों में उपनरीक्षक को उलझा दिया. जालसाज ने सब इंस्पेक्टर बसंती लाल नागर को कहा कि वह कोरोना के चलते इंदौर के अस्पताल में भर्ती है, उसके जीवन का कोई भरोसा नहीं है. वह अपने खाते की 1 लाख रुपए की राशि उनके खाते में ट्रांसफर करना चाहता है ताकि राशि सुरक्षित रहें.  इंदौर से उपचार लेने के बाद जब वह रतलाम पहुंचेगा तो राशि वापस ले लेगा. 


खाते से उड़ा दिया दो लाख रुपये
सब इंस्पेक्टर ने मदद करने की मंशा से अपने खाते की जानकारी जालसाज को दे दी. इसके बाद ओटीपी के जरिए जालसाज ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते से 60,000 और पंजाब नेशनल बैंक के खाते से 1,40,000 रुपये की राशि निकाल ली. घटना की जानकारी लगने के बाद सब इंस्पेक्टर ने औद्योगिक थाना रतलाम पहुंचकर साइबर ठग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. औद्योगिक थाना प्रभारी ओपी सिंह ने बताया कि इस मामले में साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है.


ऐसे लगाया सब इंस्पेक्टर को चूना
सब इंस्पेक्टर बसंतीलाल नागर बुजुर्ग हैं और उनको चश्मा लगता है. उनके पास जब साइबर ठग का फोन आया तो उसने उन्हें सबसे पहले यह पूछा कि आपने मुझे पहचाना की नहीं ? बसंती लाल नागर के पास उस समय चश्मा नहीं था. इसके चलते उन्होंने अपने परिचित कुंवर पाल के रूप में साइबर ठग की पहचान कर ली. इसके बाद साइबर ठग में खुद को कुंवर पाल बता कर उनसे बातचीत की. जब सब इंस्पेक्टर को जालसाज ने यकीन दिला दिया कि वह कुंवर पाल है तो उसका काम आसान हो गया और उसने ओटीपी मांग कर चूना लगा दिया.


पोती के जरिए हासिल किया ओटीपी
औद्योगिक थाना पुलिस ने बताया कि जालसाज से बातचीत के दौरान सब इंस्पेक्टर ने यह कहा कि उनका मोबाइल फॉर्मेट हो गया है और उनके पास सभी के नंबर चले गए हैं, इसी का लाभ जालसाज ने उठा लिया. उसने खुद को कुंवर पाल बताते हुए वारदात को अंजाम दिया. जब बसंतीलाल नागर ने बातों ही बातों में चश्मा नहीं होने की बात कही तो कुंवर पाल ने घर के किसी अन्य सदस्य को मोबाइल देने के लिए कह दिया. इसके बाद सब इंस्पेक्टर ने अपनी पोती रिदम को मोबाइल थमा दिया. जैसे ही बच्चे के हाथ में मोबाइल गया, वैसे ही जालसाज ने कमाल दिखा दिया. 


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