Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के निमंत्रण को कांग्रेस ने अस्वीकार कर दिया है. साथ ही कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का इवेंट बताया है. इस बीच कांग्रेस द्वारा निमंत्रण अस्वीकार किए जाने के बाद देशभर में राजनीति शुरू हो गई है. अब इस पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का बयान सामने आया है.


दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें इस बात पर आपत्ति है कि शंकराचार्यों का अपमान किया जा रहा है. राम मंदिर पर विश्व हिंदू परिषद का क्या अधिकार है? उन्होंने क्यों ठेका लिया है. राम मंदिर हम लोगों के चंदे से बन रहा है. हमने राम मंदिर के लिए दान दिया है. पूर्व पीएम नरसिंहा राव ने और चारों शंकराचार्यों ने 'रामालय न्यास' बनाया था, जो आज भी कायम है उनकों अधिकार क्यों नहीं दिया गया?






निर्मोही अखाड़े से क्यों छीना उनका अधिकार?
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, 'चंपत राय कौन हैं? वह विश्व हिंदू परिषद के प्रचारक हैं. जिन्होंने भूमि घोटाला भी किया है, ऐसे व्यक्ति को (राम मंदिर) ट्रस्ट का प्रमुख बनाया गया है, जो धर्म का अपमान कर रहा है और हिंदू नेताओं और धर्म को विभाजित कर रहा है. वहां की पूजा निर्मोही अखाड़ा करता था, उनका अधिकार क्यों छीन लिया गया है? बीजेपी, संघ और विश्व हिंदू परिषद ने अब अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो नीति अपना ली है.' 


कांग्रेस के नेता नहीं करेंगे कार्यक्रम में शिरकत
बता दें कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता अस्वीकार कर दिया है. बुधवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा है कि हमारे देश में लाखों लोग भगवान राम की पूजा करते हैं. धर्म एक निजी मामला है, लेकिन RSS और BJP ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बना रखा है.


उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के नेता अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए करा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ने साफ किया है कि सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. इसके साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन भी शिरकत नहीं करेंगे. इन नेताओं ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निमंत्रण को ठुकरा दिया है.



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